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नेवी को जल्द मिलने जा रही है बड़ी सौगात, इंसान को लेकर उड़ने वाला पहला स्वदेशी ड्रोन तैयार

इस खास ड्रान का वरुण नाम से जाना जाएगा

इस ड्रोन को पुणे में स्थित भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। बता दें कि इस ड्रोन को खास तौर पर नौसेना के लिए तैयार किया गया है। ताकी पानी के साथ साथ हमारे जवान हवा में भी दुश्मनों को मुँह तोड़ जवाब दे सके। भारतीय नौसेना के बयान के अनुसार वरुण को जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।

‘इमरजेंसी’ के दौरान पैराशूट के जरिए सुरक्षित लैंडिंग संभव

मिली जानकरी के मुताबिक ड्रोन हवा में तकनीकी खराबी के बाद भी सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है। इसमें एक पैराशूट भी है, जो इमरजेंसी या खराबी के दौरान अपने आप खुल जाएगा और ड्रोन सुरक्षित लैंड हो जाएगा। इसके साथ ही वरुण का इस्तेमाल एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए किया जा सकता है। देश की निगरानी और सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए वरुण ड्रोन को बनाया गया है। इसका अधिकतर यूज़ सर्वे, निरीक्षण और डिलीवरी के लिए किया जाता है।

= नैनो ड्रोन के अलावा बाकी सभी ड्रोन को उड़ाने के लिए आपको डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से एक विशिष्ट पहचान संख्या लेना होता है।
= किसी भी ड्रोन को मिलिट्री एरिया के आसपास या रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाके में उड़ाना प्रतिबंधित है।
= इंटरनेशनल एयरपोर्ट के 5 किलोमीटर और बाकी एयरपोर्ट के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है।
= इंटरनेशनल बॉर्डर के 25 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है।
= इसके अलावा ड्रोन की कैटेगरी के हिसाब से इन्हें कितनी ऊंचाई तक उड़ाया जा सकता है वो भी निर्धारित है।

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