रायपुर का मौसम जानने नागपुर व विशाखापट्टनम के राडार की मदद, लेकिन दूर होने से सही पूर्वानुमान नहीं

रायपुर में मौसम कैसा रहेगा, कितनी बारिश होगी, कब होगी, यह जानने के लिए मौसम विभाग विशाखापट्टनम व नागपुर स्थित राडार की मदद लेता है। लेकिन दोनों ही सेंटर दूर होने के कारण वास्तविक पूर्वानुमान नहीं हो पाता। ऐसे में रायपुर के मौसम का सही पूर्वानुमान जारी करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि रायपुर में राडार के लगने पर रायपुर का वास्तविक पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा।
मौसम की सटीक जानकारी के लिए राडार बहुत ही महत्वपूर्ण है। वर्तमान में रायपुर व प्रदेश के मौसम के पूर्वानुमान के लिए सेटेलाइट तस्वीरों की मदद ली जा रही है। सेटेलाइट व राडार से मिली तस्वीर में काफी अंतर होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेटेलाइट तस्वीर 3600 किमी दूर से ली जाती है।
जबकि राडार का रेंज 500 किमी होता है। इसमें 250 से 300 किमी दूर का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। नागपुर राडार से दुर्ग तक मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। रायपुर का सटीक पूर्वानुमान नहीं लग पाता। ऐसे में मौसम विज्ञानी विशाखापट्टनम राडार की ओर देखते हैं।
वहां से भी रायपुर की तस्वीर स्पष्ट नहीं होती। महासमुंद व आसपास एरिया का सटीक पूर्वानुमान लग पाता है। ऐसे में सेटेलाइट तस्वीर से ही रायपुर के मौसम की भविष्यवाणी की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेटेलाइट से ऊपर की तस्वीर आती है।
वहीं राडार नीचे से पिक्चर लेता है। इससे मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में मदद मिलती है। देश के ज्यादातर बड़े शहरों खासकर प्रदेश की राजधानियों के मौसम विज्ञान केंद्रों में राडार सिस्टम लगे हैं। केवल रायपुर में यह सिस्टम नहीं लगा है। जबकि केंद्र सरकार ने 10 साल पहले इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया था। जगह तय नहीं होने के कारण इसमें देरी होती गई।
टंकी ने रोका इसलिए अब लाभांडी में राडार
मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर में पानी की बड़ी टंकी राडार लगाने में बाधक है। ऐसे में 25 करोड़ की लागत से इंदिरा गांधी कृविवि लाभांडी में राडार लगाया जाएगा। राडार लगने से रायपुर ही नहीं छत्तीसगढ़ के मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी।
बड़ी पानी टंकी के कारण हवा की वास्तविक गति का भी पता नहीं चलता। दरअसल आब्जरवेटरी में आने वाली हवा को टंकी रोक देती है। इससे हवा की गति कितनी थी, इसका सही पता नहीं चल पाता। माना व लाभांडी में हवा की वास्तविक गति का पता चलता है, क्योंकि वहां न बड़ी टंकी है और न पेड़।
नागपुर व विशाखापट्टनम स्थित राडार से रायपुर के मौसम का सटीक पूर्वानुमान नहीं पाता। दरअसल दोनों सेंटर से रायपुर 250 किमी की रेंज में नहीं आता। यही कारण है कि सेटेलाइट पिक्चर से मौसम की भविष्यवाणी की जा रही है। आने वाले दिनों में लाभांडी में राडार लगने से रायपुर के मौसम की सटीक भविष्यवाणी की जा सकेगी।
एमएल साहू, उप महानिदेशक मौसम विभाग