
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 16 साल की प्रेग्नेंट छात्रा का अबॉर्शन कराने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने उसके भ्रूण का डीएनए कराने को भी कहा है. ताकि आरोपी को सजा मिल सके.
दरअसल, पूरा मामला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की रहने वाली दसवीं कक्षा की रेप पीड़िता छात्रा प्रेग्नेंट हो गई है. इससे परेशान उसके पिता ने टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के तहत अपनी बेटी का अबॉर्शन कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट में उनके एड्वोकेट समीर सिंह और रितेश वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए, उनकी बेटी के बेहतर जीवन जीने के लिए उसका अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. मामले की पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस एनके व्यास ने सीएमएचओ को छात्रा का मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर रिपोर्ट पेश करने कहा था.