छत्तीसगढ़रायपुर

EPF की जुर्माना राशि कर्मचारियों से वसूलने के आदेश को शून्य करने की मांग, संघ ने मनरेगा आयुक्त से लगाई गुहार

हरेन्द्र बघेल रायपुर. एक ओर राज्य सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने से संबंधित प्रक्रिया चल रही है, वहीं दूसरी ओर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा योजनांतर्गत पेनाल्टी के रूप में पूर्व में नियोक्ता द्वारा जमा किये गए 3 वर्ष के कर्मचारी भविष्य निधि में कर्मचारी के अंशदान की राशि को कर्मचारियों से वसूलने के आदेश से मनरेगाकमिर्यों में हड़कंप मच गया है. जिसे लेकर मनरेगा कर्मचारी ने अपने अल्प वेतन और आर्थिक एवं मानसिक स्तिथि की दुहाई देते हुए इस आदेश को निरस्त करने के लिए आयुक्त, महात्मा गांधी नरेगा को पत्र लिखकर गुहार लगाई है.

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) संगठन द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्व के वर्षो में यदि कर्मचारियों के वेतन से अंशदान की कटौती नहीं की गई है तो नियोक्ता द्वारा अपने अंश के साथ-साथ कर्मचारी का अंशदान भी जमा करना होगा और साथ में उक्त अवधि के लंबित भुगतान के लिए जुर्माना भी देना होगा. 28 मई 2020 को सचिव, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त संविदा अमलों के कर्मचारी भविष्य निधि की राशि की कटौती की जिम्मेदारी नियोक्ता की है. EPF कटौती कर जमा करने में विलंब की दशा में पेनाल्टी का प्रावधान है.

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