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भाविउ मेटि सकहिं त्रिपुरारी–श्री रामचरितमानस //बालकांड दोहा नंबर69 / 5// मनवांछित फल की प्राप्ति एवं किए गए कर्म के दुखद परिणामों से बचने के लिए भगवान शंकर की आराधना करें— भाई श्यामसुंदर


बिलाईगढ़ /प्रज्ञा न्यूज़ 24 छत्तीसगढ़ /शैलेंद्र देवांगन

के पी पटेल बिलाईगढ—–अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में स्थित ग्राम पंडरीपानी में सावन माह के प्रत्येक सोमवार को रामकथा का आयोजन किया गया है ।यह आयोजन डॉक्टर पुनाउ साहू एवं समस्त ग्रामवासियों के द्वारा आयोजित है। इसी क्रम में दिनांक 10/07/ 2023 सोमवार को रामकथा का गायन एवं प्रवचन हुआ। उस दिन ग्राम बांस उरकुली से बाबूलाल यादव, कुमारी निकिता, ग्राम सूतीउरकुली से संतराम साहू, ग्राम गोविंद वन से वैष्णवजी महाराज, ग्राम खुरसुला से नवधा पटेल, ग्राम धाराशिव से तेरसबाई प्रजापति, सुखराम साहू, ग्राम पंडरीपानी से भागीरथी यादव, शंभूचंद साहू, पवन दास महंत ने सुमधुर भजनों के साथ मानस गायन कर श्रोता समाज को आनंदित कर दिये। रुपनाथ ध्रुव गुरूजी ने वर्तमान समाज की आवश्यकताओं को ध्यान में लाते हुए ज्ञानमयी, श्रवण करने योग्य, अति उत्तम कोटि का उदाहरण देते हुए श्रोता समाज को राम कथा सुनाकर भाव विभोर कर दिए।


ट्रांस महानदी क्षेत्र के प्रमुख रामायणी ग्राम बांसउरकुली निवासी भाई श्यामसुंदर पटेल ने भी मंच में बैठकर कथा सुनाया। उन्होंने अपनी अनूठी शैली में कथा सुनाते हुए कहा कि प्रत्येक मनुष्य को भगवान भोलेनाथ की पूजा, आराधना, प्रार्थना करनी चाहिए। साल भर न हो सके तो सावन मास के सोमवार को तो अवश्य करना चाहिए। भगवान श्री रामभद्र भी जब मनुष्य रूप में इस संसार में आए तो भगवान शिवजी को ही अपना इष्ट माने एवं उनकी पूजा आराधना कर अपने मनवांछित फल को प्राप्त किये। रावण जैसे अतुलनीय ,बलशाली योद्धा, समाज संगठक, हर प्रकार के अस्त्र-शस्त्रो से भरपूर लंका के राक्षसी सेनाओं को मारने के लिये लंका चढ़ाई के पूर्व समुद्र के किनारे तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में शंकर भगवान की ही पूजा प्रार्थना कर, श्रीरामचंद्रजी ने भी लंका पर विजय प्राप्त किए थे। भगवान महादेव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो होनहार// भावी// को भी बदल सकते हैं। शिवजी की आराधना पूजा प्रार्थना से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। भविष्य के दुखद परिणाम को भी भगवान शंकर जी प्रसन्न होते हैं तो बदल देते हैं। इसलिए उनकी पूजा प्रार्थना आराधना कर उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। प्रातः स्मरणीय पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदासजी बालकांड में लिखे हैं कि– जौ तपु करै कुमारी तुम्हारी। भाविउ मेटि सकहिं त्रिपुरारी।। इच्छित फल बिनु शिव अवराधें।लहिय न कोटि जोग जप साधें।।


आगे मानस प्रवक्ता भाई श्यामसुंदर पटेल ने और कहा कि देश के प्रत्येक गांव में नदी नाले तालाब के किनारे में शिव मंदिर अथवा शिव चंवरा देखने को आज भी मिलता है। मानव दानव देव सभी ने शिव आराधना कर अपनी कामनाओं की पूर्ति किए हैं। मेरा तो यहां तक विश्वास है कि सनातन संस्कृति के सभी देवताओं को रखकर विश्व के सभी मतदाताओं से वोटिंग कराया जाए तो सर्वाधिक मत भगवान शंकर को ही प्राप्त होगा। हिंदू धर्म के मानने वालों को छोड़कर अन्य धर्म के मानने वाले लोग भी सर्वप्रथम भगवान शंकर को ही पसंद करेंगे और उनके पक्ष में वोटिंग करेंगे अर्थात सबसे ज्यादा लोकप्रिय देवता अखिल ब्रह्मांड में कोई है तो निर्विवाद रूप से वे भगवान शंकर ही हैं ।
कथा आयोजकों ने आने वाले सोमवार को भी अधिक से अधिक लोगों को आकर कथा को गायन प्रवचन श्रवणकर अपने जीवन को धन्य बनाने का निवेदन किए हैं ।इस दिन के आयोजन में परस साहू, इतवारी राम साहू सरपंच ग्राम पंचायत पंढरीपानी, शंभूनाथ साहू, भागीरथी यादव आदि लोगों का योगदान बहुत ही प्रशंसनीय रहा।

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