
लैलूंगा के केन्दाटिकरा निवासी पहुंचे कलेक्टर के पास, शिक्षा विभाग में चल रही अंधेरगर्दी..
रायगढ़ – शिक्षकों की मनमानी के कई किस्से सामने आते रहते हैं। इस बार लैलूंगा से जो शिकायत आई है उसने बीईओ की भूमिका पर सवाल उठा दिए हैं। प्राथमिक शाला का एक शिक्षक करीब एक साल से स्कूल ही नहीं गया है। वह लैलूंगा में अपने व्यापार में व्यस्त है। यह प्रकरण लैलूंगा ब्लॉक के केन्दाटिकरा का है। यहां के प्राथमिक विद्यालय में आशीष गोयल निवासी लैलूंगा की पोस्टिंग की गई है। वह 25 सितंबर 2021 से लगातार अनुपस्थित है। स्कूल में उसके अलावा एक शिक्षिका पदस्थ है। स्कूल में करीब 40 बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई का पूरा दारोमदार एकमात्र शिक्षिका पर है, लेकिन कार्यालयीन काम भी उसी को निपटाने होते हैं इसलिए स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती। ग्रामीणों ने मंगलवार को इसकी शिकायत कलेक्टर से की है।
उनका कहना है कि बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। शिक्षक आशीष गोयल की लैलूंगा में किराना दुकान और अन्य व्यापार है। वह दिन भर अपने व्यापार में व्यस्त रहता है। ग्रामीणों कई बार उसे स्कूल आने को कहा लेकिन वह मनमानी पर उतारू है। कुछ भी कहनेपर मेडिकल लीव लेने की धमकी देता है। कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कहकर ग्रामीणों को चुनौती भी देता है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मार्च 2022 में बीईओ लैलूंगा से भी की है लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और आशीष गोयल को संरक्षण दिया। इस मामले में बीईओ की भूमिका संदेहास्पद है।
दो तरह का मापदंड –
प्रदेश में शिक्षा को लेकर दो तरह के मापदंड हैं। एक है शहरी क्षेत्र की शिक्षा और दूसरी ग्रामीण क्षेत्र की। दोनों के बीच एक लकीर खींच दी गई है। शिक्षा का स्तर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद खराब है क्योंकि ज्यादातर शिक्षक शहरों में या आसपास के स्कूलों में ड्यूटी करना चाहते हैं। सुदूर ग्रामों के स्कूलों का हाल बहुत खराब है। हजारों रुपए वेतन लेकर भी शिक्षक बच्चों को शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। स्कूल में बच्चों की हाजिरी तो ली जाती है लेकिन शिक्षकों से सवाल करने वाला कोई नहीं।