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केरल मे मानसून क़ी एंट्री, अगले 5 दिनों तक भारी वर्षा के आसार, मगर पुर्वोत्तर राज्यों मे धीमी रहेगी गति…

केरल मे मानसून क़ी एंट्री, अगले 5 दिनों तक भारी वर्षा के आसार, मगर पुर्वोत्तर राज्यों मे धीमी रहेगी गति…

केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) ने अपने तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है. राज्य में मानसून की निर्धारित तारीख एक जून थी. मगर तीन दिन पहले (रविवार को) ही मानसून ने दस्तक दी है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने रविवार को बताया कि केरल के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. तिरुवनंतपुरम में मौसम विभाग के निदेशक के. संतोष ने जानकारी दी कि साउथ वेस्ट मानसून आज केरल (Kerala) में प्रवेश कर गया है. इसके प्रभाव से अगले पांच दिनों के दौरान कई जिलों में भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं.

मौसम विभाग ने मछुआरों को 29 से 30 मई के दौरान समुद्र में न जाने की सलाह दी है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी थी कि अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में अगले 2-3 दिनों के दौरान मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां बन रही हैं. विभाग ने दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में अरब सागर से निकलने वाली पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से आंधी और तेज बारिश की भी चेतावनी जारी की थी. वहीं, आईएमडी ने बताया कि केरल में शनिवार से ही बारिश हो रही है. राज्य में 14 में से 10 वैदर मॉनिटरिंग सेंटर में 2.5 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश अब तक दर्ज की जा चुकी है, जो मानसून के आगमन का संकेत है.

पूर्वोत्तर भारत में मानसून की गति रहेगी धीमी

आईएमडी (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘दक्षिण पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय एक जून के बजाय 29 मई को ही केरल पहुंच गया.’ मानसून केरल और तमिलनाडु के कई इलाकों में आगे बढ़ा है. हालांकि वैदर सिस्टम की बंगाल की खाड़ी वाली ब्रांच कमजोर पड़ गई है और वह अभी अंडमान द्वीपों पर ही है. आईएमडी के मुताबिक, कर्नाटक, गोवा और पूरे पूर्वोत्तर भारत में मानसून की गति कुछ धीमी रह सकती है.

असानी’ का प्रभाव हुआ कमजोर

मौसम विभाग ने इससे पहले कहा था कि चक्रवात असानी के प्रभाव के कारण 27 मई को मानसून केरल पहुंच सकता है. हालांकि दक्षिणी प्रायद्वीप पर ठहरे ‘असानी’ का प्रभाव अब कमजोर हो गया. बता दें कि ‘असानी’ तूफान 15 दिन पहले बंगाल की खाड़ी में आया था. केरल में मानसून के आगमन की घोषणा के लिए मापदंड में समुद्र तल पर साढ़े चार किलोमीटर तक पछुआ हवा की रफ्तार आदि शामिल हैं. मौसम कार्यालय ने कहा, ‘केरल में मानसून के आगमन की सभी शर्तें रविवार (29 मई) को पूरी हो गई हैं.’ अगले तीन चार दिनों में दक्षिण पश्चिम मानसून के मध्य अरब सागर, केरल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और कर्नाटक की ओर बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं.

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