कन्या महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया गया
काँकेर: शासकीय इंदरु केंवट कन्या महाविद्यालय काँकेर में आज 16 सितंबर को इको क्लब के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस पर विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल @ 35 वर्ष – पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा के लिए वैश्विक सहयोग’ थीम के तहत आयोजित इस दिवस पर व्याख्यानमाला, क्विज, भाषण, पोस्टर, निबंध और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो.बी.समुंद के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम के बारे में इको क्लब प्रभारी प्रो.मनोज कुमार ने बताया कि विश्व ओजोन दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को ओजोन संरक्षण के लिए जागरूक करना है। उन पदार्थों का प्रयोग कम करना या उत्पादन कम करना जिससे ओजोन परत को नुकसान पहुंचता हो। जैसे- ऐसे प्रोडक्ट, प्लास्टिक कंटेनर, एयरोसोल या स्प्रे जिसमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन हो, उनका बहुत अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए। हमें पर्यावरण के अनुकूल उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। प्रो.रश्मि नाग जन्तु विज्ञान विभाग ने कहा कि ओजोन लेयर धरती के वायुमंडल की एक परत है। जो सूरज से सीधे आने वाली किरणों को रोकती है।
उन्होंने पूरे ओजोन का निर्माण, उसके क्षय के कारक तत्व, पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव, जीव- जंतुओं पर हानिकारक प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। प्रो.अजय कुमार पटेल गृह विज्ञान विभाग ने ओजोन के क्षरण होने से खाद्य श्रृंखला एवं प्रकाश संश्लेषण पर होने वाले प्रभाव के बारे में बताया। साथ ही मानव में पराबैगनी किरणों की वजह से स्किन सन बर्न, एजिंग का जल्दी आना, त्वचा का कैंसर हो जाना, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर का खतरा, इम्यून सिस्टम पर गलत प्रभाव, शरीर में फ्री रेडिकल्स का बढ़ जाना जिससे हमारे पाचन तंत्र में विपरीत प्रभाव पड़ना शामिल है । प्रो.प्रीति पटेल अंग्रेजी विभाग, प्रो.आरती मरकाम अर्थशास्त्र विभाग, प्रो.दीप्ति सोनी राजनीति विभाग, डॉ.क्षमा ठाकुर ग्रंथालय विभाग, महेंद्र रजक क्रीड़ा अधिकारी, कीर्तिका ठाकुर इत्यादि सभी ने अपने वक्तव्य में ओजोन क्षरण को कैसे कम करें उसके बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। बीएससी भाग दो की छात्राएं अंकिता पाल और जानकी नुरूटी ने भी अपने विचार व्यक्त किये । कार्यक्रम का संचालन प्रो.रश्मि नाग एवं आभार प्रदर्शन प्रो.मनोज कुमार ने किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत ‘स्वच्छता ही सेवा’ थीम पर शपथ दिलायी गयी। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया ।