जेवराडीह मंदिर निर्माण मे 3.94 लाख गबन मामले की शिकायत व कलेक्टर आदेश बाद जांच करने जांच दल पहुंचा

जेवराडीह मंदिर निर्माण मे 3.94 लाख गबन मामले की शिकायत व कलेक्टर आदेश बाद जांच करने जांच दल पहुंचा
जेवरा डीह मंदिर निर्माण कार्य मे सरपंच पर 3.94 लाख गबन करने का लगा गंभीर आरोप
मंदिर निर्माण, रोड मरम्मत सहित अन्य निर्माण कार्यों मे लगभग 45 लाख का भ्रष्टाचार का उजागर
कलेक्टर के आदेश व आवेदन के आधार पर जाँच कर आगे की कार्यवाही कर रहें हैं – SDO पैकरा
सारंगढ़ बिलाईगढ़ – जनपद पंचायत बिलाईगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत बंदारी के बाद अब ग्राम पंचायत सिंघिचूवा का मामला सामने निकल कर आ रहा हैं जहाँ ग्राम पंचायत सिंघिचूवा के आश्रित ग्राम जेवराडीह के ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच एवं सचिव के खिलाफ लगभग 45 लाख राशि का भ्रष्टाचार का कई गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने हेतु जनपद पंचायत सीईओ सहित ब्लॉक के आला अधिकारी को ज्ञापन सौपे गए थे लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाया हैं केवल जाँच के नाम पर खाना पूर्ति बस किया गया हैं इसी तारतम्य मे ठोस कार्यवाही न होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर को इस मामले मे ज्ञापन सौंपा था जहाँ कलेक्टर के तुरंत आदेश के बाद जाँच टीम गठित कर पुनः 21 मई को जाँच की कार्यवाही किया गया.
आपको बता दे ग्राम पंचायत सिघीचुआं के आश्रित ग्राम जेवरडीह में राजा महाराजाओं के समय का मंदिर है और इस क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर जेरादाई मंदिर है इस मंदिर का निर्माण कार्य एवं जीर्णोद्धार का कार्य जेवराडीह के ग्राम वासियों ने गांव में चंदा एकत्रित कर स्वयं मेहनत मजदूरी कर मंदिर का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्य किया गया है जिसमें शासन प्रशासन तथा ग्राम पंचायत की एक भी पैसा राशि व्यय नहीं किया गया और सरपंच सचिव के द्वारा शासन की धार्मिक न्याय एवं धर्मस्य योजना के तहत 3,94,000 की राशि जेवरादाई मंदिर के निर्माण कार्य एवं जीर्णोद्धार के नाम पर निकालकर गबन करने का आरोप लगाये और अन्य विकास कार्य की राशि में किये गये अनियमितताओ में 14 वें एवं 15वें वित्त की राशि , देवसागर पहुंच मार्ग निर्माण कार्य व मरम्मत कार्य मे लगभग 20 लाख की राशि भ्रष्टाचार करने के सम्बन्ध मे जिला कलेक्टर सारंगढ़ बिलाईगढ़ को शिकायत किया गया था जिसमें ज़िला कलेक्टर के आदेश पर ग्राम जेवराडीह में 21 मई को जांच दल पहुंचे. जांच के दौरान ग्राम वासियों का ब्यान भी लिया गया। अब देखना यह होगा कि सरपंच व सचिव पर शासन प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही होती हैं कि पुनः खानापूर्ति की कार्यवाही किया जाता हैं ये तो आने वाला समय बताएगा.
वहीं ग्रामीणों का कहना हैं कि यदि पूर्व सरपंच समारु लाल सिदार के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है तो न्यायालय के शरण मे जायेंगे और सरपंच, सचिव एवं सॉठगाठ करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.
