छत्तीसगढ़

शिक्षा से ही समाज मे जागरूकता आती है जिससे लोग मुख्य धारा से जुड़ते हैं- कलेक्टर

कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिले के बंद पड़े स्कूलों जिसे पुनः शुरू किया गया है। जिसे शिक्षादूत के माध्यम से संचालित की जा रही है। बैठक में शिक्षादूत शामिल हुए थे। प्राथमिक शिक्षा के महत्व को बताते हुऐ कलेक्टर श्री कटारा ने कहा कि प्राथमिक स्तर के शिक्षा अगर मजबूत रहेगा तब बच्चे आगे की कक्षाओं को बेहतर ढंग से पढ़ पाएंेगे और शाला त्यागी की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। अंदरूनी क्षेत्रों में बंद पड़े स्कूलों को ग्रामीणों की मदद से पुनः संचालित की जा रही है। जिसमें स्थानीय युवा शिक्षादूत के रूप में अध्यापन कार्य करा रहे हैं। शिक्षादूतों की समस्याओं और वस्तुस्थिति के बारे में कलेक्टर ने जानकारी ली और शिक्षा में  गुणवत्ता लाने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण जल्द कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद ठाकुर को निर्देश दिए।

प्रशिक्षण में सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग, गतिविधि आधारित शिक्षा, रोचक ढंग से बच्चों को शिक्षा के प्रति रूचि उत्पन्न कराने सहित महत्वपूर्ण बारीकी सिखाया जाएगा। बैठक में जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए वहीं राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी समन्वय स्थापित कर प्रमाण पत्र बनाने को कहा। दस्तावेजों के अभाव में जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण वापस नहीं की जाएगी बल्कि ग्राम सभा के प्रस्ताव एवं सरलीकरण के आधार पर सभी पात्र छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। एपीसी, सीएसी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षादूत, अनुदेशक शामिल थे।

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