
प्रदेश में 4 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के पेंशन, वेतनवृद्धि, जीपीएफ फंड आदि से संबंधित तमाम कार्यों के लिए ई-कोष ऑनलाइन सिस्टम है, अभी भी ज्यादातर कामों के लिए कर्मचारियों को कोष लेखा पेंशन विभाग के चक्कर काटना पड़ रहा है। नियम है कि सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट के दो साल पहले से ही उसके पेंशन प्रकरण को निपटाने के लिए संबंधित विभाग (यानी जिस विभाग का वो कर्मचारी है) प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, लेकिन ऐसा नहीं है।
इसकी जानकारी के बाद भास्कर की टीम ने पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई। अधिकतर विभागों में अब भी कर्मचारियों के रिटायर होने के कई महीने बाद तक पेंशन शुरू नहीं हो पाती। दरअसल, अभी भी कई काम ऑफलाइन हो रहे हैं। इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए भास्कर टीम एक माह तक लगातार पेंशन दफ्तर के चक्कर लगाते रही। यहां पेंशन के अलावा सर्विस बुक से जुड़े काम, वेतनवृद्धि, सैलरी फिक्सेशन जैसे प्रकरण के लिए आने वाले 100 से भी ज्यादा कर्मचारियों से बातचीत की।
- 04- लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं छत्तीसगढ़ में
- 398- कर्मचारी इस साल नवंबर में ही हो जाएंगे रिटायर
ऐसे चलता है पूरा खेल
पेंशन कोष एवं लेखा विभाग में पेंशन प्रकरण, वेतन निधारण, सर्विस बुक में त्रुटि सुधार जैसे कामों के लिए प्रति दिन 15 से 20 आवेदन आते हैं। आवक-जावक शाखा के कर्मचारियों के अनुसार कुछ लोगों के काम एक ही दिन में हो जाते हैं। जबकि बहुत से लोगों का काम महीनों में होता है। यहां प्रकरण आने के बाद संभागीय दफ्तर में संबंधित जिले के सहायक लेखा अधिकारी के पास प्रकरण जाता है। सहायक लेखा अधिकारी दस्तावेजों का परीक्षण करता है। दस्तावेज अधूरे होने पर या नाम, पते, जन्म तारीख या कोई अन्य त्रुटि होने पर इसमें आपत्ति लगाई जाती है। आपत्ति लगे केस के बारे में एजेंट को जानकारी मिल जाती है। कई बार एजेंट खुद ही कर्मचारी से संपर्क कर लेते हैं।
एजेंट की दखल से विभाग के कर्मचारी उस केस का निपटारा जल्दी कर देते हैं। एजेंट के अनुसार बातचीत के आधार पर पड़ताल में पता चला कि पेंशन केस के 20 से 25 हजार रुपए, जीपीएफ निकालने के लिए एक से पांच प्रतिशत तक का कट, वेतन वृद्धि के काम के प्रति केस 5 से 10 हजार तक, सर्विस बुक की त्रुटियों में सुधार का 5 से 7 हजार तक रेट है। एजेंट एक बार में 50 से 60 केस लेकर आते हैं।
रिकॉर्ड रूम से लाइव: पड़ताल के दौरान भास्कर टीम ने पाया कि पेंशन दफ्तर में आने वाले अधिकतर लोगों को अपनी सर्विस बुक रिकॉर्ड खुद ही ढूंढनी पड़ती है। कई बार बुजुर्ग कर्मचारी फाइलों के बड़े गठ्ठों के बीच अपनी फाइल ढूंढने में परेशान हो रहे थे। 31 अक्टूबर को भास्कर टीम पेंशन विभाग के रिकॉर्ड रूम पहुंची। देखा यहां रायपुर संभाग के 5 जिलों रायपुर, धमतरी, महासमुंद, बलौदाबाजार और गरियाबंद के सरकारी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका और रिकॉर्ड अलग-अलग रैक में रखे हुए थे। सेवा पुस्तिकाएं और रिकॉर्ड बेतरतीब दिखाई दिए। ऐसे पुराने दस्तावेज भी दिखे जो पूरी तरह फट गए थे। कुछ लोग अपनी फाइल खोजते भी मिले।
केस 1- बाबू ने सर्विस बुक गुमा दी, पेंशन बनाने काट रहे चक्कर
30 अगस्त 2022 को अभनपुर सरकारी मिडिल स्कूल से रिटायर हेडमास्टर नीरज शुक्ला (बदला नाम) की पेंशन शुरू नहीं हो पाई है। नीरज के अनुसार बाबू ने उनकी सर्विस बुक गुमा दी है। बाद में डुप्लीकेट बुक बनाने परेशान हुए। ये बनकर आई तो इसको मंजूर कराने में कई बार अभनपुर से रायपुर आना पड़ा। वेतनमान जैसे काम अब भी पेंडिंग हैं। पेंशन कब चालू होगी, पता नहीं।
केस 2- सेवा पुस्तिका में वेतन वृद्धि की सही जानकारी ही नहीं
कृषि विभाग से रत्नेश चंद्राकर (बदला नाम) ने बताया कि वे जुलाई में रिटायर हुए थे। उसके बाद से पेंशन प्रकरण का निपटारा नहीं हो पाया है। पिछले तीन माह से हर दूसरे दिन पेंशन विभाग के दफ्तर आ रहे हैं। सेवा पुस्तिका में वेतनवृद्धि की त्रुटि बताई गई थी। विभाग की ओर से भी पुस्तिका पूरी तरह नहीं भरी गई। अभी कहा है कि अगले माह से पेंशन शुरू होगी।
सरकारी कर्मचारियों को हम लगातार कह रहे हैं कि पेंशन, सेवा पुस्तिका, वेतन, पीएफ आदि किसी भी काम के लिए किसी के भी झांसे में ना आएं। पेंशन का निपटारा ऑनलाइन सिस्टम से किया जा रहा है। कर्मचारियों को शिविर लगाकर जागरूक कर रहे हैं। – इमरान खान, संयुक्त संचालक, पेंशन कोष एवं लेखा विभाग, रायपुर संभाग
यहां पर खुद ही ढूंढनी पड़ती है सर्विस बुक
पेंशन दफ्तर में जाते हुए एक एजेंट का नंबर मिला। यह एजेंट धमतरी से प्रकरणों को निपटाने के लिए घूस लेकर काम करता है। भास्कर ने बताया कि उसके चाचा सुरेश वर्मा दिसंबर में धमतरी के सरकारी स्कूल से रिटायर होने वाले हैं। सर्विस बुक में कुछ आपत्तियां हैं। पेंशन सही समय पर मिल सके, इसके लिए क्या करना होगा।? एजेंट ने कहा 20 हजार में काम हो जाएगा। रिपोर्टर ने कहा कि पहले सर्विस बुक की त्रुटि सुधरवा दीजिए ताकि विभाग से प्रकरण जल्दी बन सके। एजेंट ने कहा कि रिकॉर्ड रूम में वो एंट्री करवा देगा। एजेंट ने सर्विस बुक ढूंढने के लिए रिपोर्टर को रिकार्ड रूम में एंट्री भी दिलवा दी।