
हरेन्द्र बघेल रायपुर : छत्तीसगढ़ में शहरों की सड़कों से मवेशियों को हटाने की कोशिश शुरू हुई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने शहरी सरकारों को कम से कम एक सड़क चिन्हित करने को कहा है जिसे एनिमल फ्री घोषित किया जा सके। विभाग का कहना है कि ऐसा करने से सड़क दुर्घटनाओं को कुछ हद तक रोका जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा बहुत बड़ा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं, 2021 में छत्तीसगढ़ में हुई मार्ग दुर्घटनाओं में 17 हजार 525 लोगों की जान गई। यह पूरे देश में हादसों के दौरान हुई माैतों का 4.4% है। हादसों में होने वाली मौतों की दर छत्तीसगढ़ में 59.2 है जो पूरे देश में सर्वाधिक है। इसका मतलब यह हुआ कि पिछले साल प्रत्येक एक लाख की आबादी में करीब 60 लोगों की मौत हादसों में हुई है। यह तब है जब दुर्घटनाओं से मौत का राष्ट्रीय औसत केवल 29.1 है। इसमें से तमाम मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों और शहरों की व्यस्त सड़कों पर छुट्टा मवेशियों की वजह से हुआ है। सरकार के पास अभी इसके ठीक-ठाक आंकड़े भी उपलब्ध नहीं है। अब कम से कम शहरों में इससे निपटने की कवायद शुरू हुई है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका और नगर पंचायताें के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सड़क सुरक्षा संबंधी एक नया निर्देश भेजा है। इसके तहत संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र की सड़कों पर सही ढंग से साइन बोर्ड और संकेतक लगाये जाने हैं। प्रमुख मार्गों पर स्ट्रीट लाइट का बेहतर इंतजाम करना है। वहीं एक सड़क चिन्हित कर उसे एनिमल फ्री यानी मवेशियों से मुक्त घोषित करना है। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक अय्याज फकीरभाई तंबोली ने बताया, यह सीधा सा कांसेप्ट है। सड़क से मवेशी हटेंगे तो दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। सभी नगरीय निकायों को इसके निर्देश भेजे गए हैं।
पिछले महीने मुख्य सचिव ने दिया था निर्देश
पिछले महीने मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा संबंधी बैठक हुई थी। इस दौरान छुट्टा मवेशियों की वजह से दुर्घटना की बात सामने आई थी। उस दौरान मुख्य सचिव ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एनमिल फ्री सड़क बनाने का निर्देश दिया था। एक महीने बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने इसका निर्देश जारी किया है। हालांकि उस आदेश का क्रियान्वयन कैसे करना है इसका कोई मॉडल नहीं बताया गया है।
नगर निगमों-पालिकाओं को अपने स्तर पर बनानी है योजना
अधिकारियों का कहना है, सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए जमीनी योजना नगर निगमों-नगर पालिकाओं को खुद ही बनाना है। इसके लिए शहरी गोठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था करने पर विचार किया जा सकता है। इसे अलावा मवेशियों के मालिकों पर सख्ती भी की जा सकती है। पूरी तरह छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गोठानों-गोशालाओें को भी दिया जा सकता है।
अभी सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर में
अधिकारियों का कहना है, पिछले तीन साल में प्रदेश में 15 लाख 29 हजार से अधिक नई गाड़ियों का पंजीयन हुआ है। पिछले साल की तुलना में 2022 में मार्च तक सड़क दुर्घटनाओं में 11.45% और दुर्घटना से हुई मौत के मामलों में 13.42% की कमी आई है। रायपुर में सर्वाधिक 14.24 % सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। उसके बाद दुर्ग और बिलासपुर जिले का नंबर है। वहां 8% हादसे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग और पुलिस ने मिलकर सड़कों एक हजार 892 जंक्शन, 454 ब्लैक स्पॉट में सुधार कराए हैं ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।