छत्तीसगढ़भिलाई

चौथी क्लास की बच्ची बनी टीआई..:बोली- पुलिस अंकल ने सैल्यूट मारे तो अच्छा लगा, बड़ी होकर बनूंगी IPS; सुपेला थाने का किया निरीक्षण

बाल दिवस के अवसर पर सुपेला थाना में एक चौथी क्लास की बच्ची सृष्टि वर्मा को एक दिन का थाना प्रभारी बनाया गया। जिसके बाद सृष्टि पूरे थाने का निरीक्षण की, और थाने में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

सृष्टि ने भास्कर से बताया कि, उन्होंने सुपेला थाने में अपराध निकाल, और केस डायरी का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने पूरे थाने को घूमा। पुलिस कर्मियों से उनके कामों के बारे में जानकारी ली। लॉकअप को देखा। पूरे थाने में उन्हें सबसे अच्छा बाल मित्र कक्ष लगा। उन्होंने कहा कि बच्चे अक्सर पुलिस वालों को देखकर डरते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अपने स्कूल के बच्चों के साथ थाना निरीक्षण पर आई थी। उसने टीआई दुर्गेश शर्मा से टीआई बनने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने तुरंत बच्ची की इच्छा का मान रखा। उन्होंने सीएसपी भिलाई नगर निखिल राकेचा से अनुमति लेकर बच्ची को एक दिन का थाना प्रभारी बनने का मौका दिया।

पुलिस अंकल ने सैल्यूट मारा तो काफी अच्छा लगा
एक दिन के लिए थाना प्रभारी बनी सृष्टि ने बताया कि, उन्हें पुलिस की ड्रेस में टीआई की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। जो भी पुलिस वाले आ रहे थे, वह उन्हें सैल्यूट मार रहे थे। मैडम कह करके संबोधित कर रहे थे। अपराध का निकाल कैसे करते हैं, केस डायरी क्या होती है। इसके बारे में बताया। यह सब जानकर काफी अच्छा लगा।

थाने में पहली बार की गई है अनूठी पहल
थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि, सुपेला थाने में किसी बच्चे को एक दिन का टीआई बनाने की अनूठी पहल पहली बार हुई है। उन्होंने इससे पहले खुर्सीपार टीआई रहते हुए एक बच्चे को एक दिन का थाना प्रभारी बनाया है। ऐसा करने से बच्चों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ता है और डर दूर होता है।

वन मितान जागृति शिविर का आयोजन

दुर्ग के तालपुरी स्थित ऑक्सीजोन में बाल दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वन विभाग दुर्ग के द्वारा वन मितान जागृति शिविर का आयोजन किया गया। जागृति शिविर में स्कूली बच्चों ने वन विभाग के अधिकारियों से वन संपदा के बारे में जाना और समझा। इस शिविर में सामाजिक संस्था द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बच्चों को वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी भी दी गई। स्नेक रेस्क्यू की टीम ने भी बच्चों को सांपों की प्रजातियों के बारे में जानकारी दी। बच्चे यहां आकर बहुत खुश हुए।

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