छत्तीसगढ़

भटगांव का बड़ा तालाब का पानी, साफ सफाई के अभाव में नगरवासी खराब पानी में नहाने के लिए मजबूर, तालाब का अस्तित्व खतरे में शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि मौन

के पी पटेल भटगांव —-सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का भटगांव नगर का बड़ा तालाब जिसे जमीदारी शासन में खुद वाया गया था जिसका बड़ा ही धार्मिक महत्व है इनसे लोगों की जन भावनाएं जुड़ी हुई है लगभग 25-30 एकड़ में फैला हुआ है साफ सफाई के अभाव में अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर है लेकिन इसका अस्तित्व बचाने के लिए ना किसी का हाथ आगे आ रहा है और ना किसी की जुबान से आवाज निकल रही है इसकी फरियाद की गूंज शासन प्रशासन और जिम्मेदार लोगों को भी सुनाई नहीं दे रही है नगर में निस्तारी के लिए तालाब बहुत है अधिकांश तालाबों से सिंचाई की जाती है गर्मी के मौसम आते-आते सूख जाती है नगर में लगभग 20,000 हजारआबादी होने के कारण इसी तालाब से नगर वासियों का निस्तारी होता है नगर में धार्मिक आयोजन करने के बाद देवी देवताओं का इसी तालाब में विसर्जन किया जाता है इसी कारण लोगों का जन भावनाएं जुड़ी हुई है जमीदारी शासन में खुलवाया हुआ तालाब साफ-सफाई के अभाव में दिन प्रतिदिन तालाब का पानी गंदा होते जा रहा है कुछ साल पहले यहां का पानी भोजन बनाने में उपयोग किया जाता था लेकिन यहां का गंदा पानी मुंह में डालने लायक भी नहीं है शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा तालाब का साफ-सफाई को लेकर नजरअंदाज किया जा रहा है अगर समय रहते तालाब का साफ सफाई नहीं किया गया तो निश्चित ही एक दिन नगर वासियों को किसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है उल्लेखनीय है कि यह तालाब निजी होने के कारण शासन-प्रशासन द्वारा साफ सफाई को लेकर गंभीर नहीं है

तालाब पार में बने कुछ सामाजिक भवन में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसका कूड़ा करकट भी इस तालाब में डाल दिया जाता है जिसके कारण यहां का पानी और भी गंदा हो जाता है वही तालाब से लगे डबरी के किनारे बसे रहवासियों का घर के सेप्टिक टैंको का मल मूत्र एवं कूड़ा करकट का केंद्र बना हुआ है और आसपास के होटल एवं मकान से गंदगी डबरी तालाब में डाल दिया जाता है जो डबरी होते हुए बड़ा तालाब में पहुंचता है जिसके कारण तालाब का पानी गंदा होने का मुख्य कारण भी है तालाब में मछली पालन में कई प्रकार का अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग किया जाता है आखिर तालाब के पानी खराब होने का जिम्मेदार कौन है? आप देखना लाजमी होगा कि खबर प्रकाशन के बाद शासन-प्रशासन जनप्रतिनिधिगण विभिन्न संगठन एवं आम नागरिकों का क्या प्रतिक्रिया देते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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