छत्तीसगढ़

लापरवाही की इंतेहा… 4 साल में एक हजार से अधिक हादसे, 128 की मौत 432 घायल, फिर भी नहीं सुधरा एनएच का एप्रोच रोड…

कुम्हारी से सुपेला के बीच निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का निर्माण 4 साल पहले शुरू हुआ था। निर्माण कार्य के दौरान अब तक एक हजार से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके है। 2019 से सिंतबर 2022 के बीच 128 लोगों की मौत हो चुकी है। 432 लोग गंभीर घायल हो चुके हैं। इन चार वर्षों में 300 से अधिक मामले ऐसे हैं, जो आपसी समझौते से समाप्त हो गए। अन्यथा दुर्घटना के आंकड़े और भी ज्यादा होते। हादसे का सबसे बड़ा कारण निर्माण से पहले सुगम आवाजाही का वैकल्पिक इंतजाम नहीं होना है। यही नहीं एप्रोच रोड में गड्ढों के कारण भी हादसे हो रहे हैं।

निर्माण एजेंसी खानापूर्ति के लिए समय-समय पर पैचवर्क करके अपना पल्ला झाड़ लेती है। जबकि कुम्हारी से सुपेला के बीच निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के एप्रोच रोड पर नए सिरे से डामरीकरण करने का आदेश भी जारी किया गया था। निर्माणाधीन ओवर ब्रिज को लेकर लोक निर्माण विभाग के एनएच जोन के चीफ इंजीनियर ने 20 अक्टूबर 2021 को पत्र लिखा था। इसमें ब्रिज के निर्माण कार्य पूरा होने से लेकर यातायात शुरू करने तक की तारीख तय की गई थी।

इधर : अधिकारी एक-दूसरे को पत्र लिखकर करते रहे खानापूर्ति
बिना ग्रीन कॉरिडोर बनाए मरीज को रेफर करना मुश्किल
खस्ताहाल एनएच से आम राहगीर तो परेशान है ही, मरीजों को रायपुर रेफर करने में भी दिक्कतें हो रही है। इसके लिए अब आए दिन ग्रीन कॉरिडोर का सहारा लेना पड़ रहा है, क्योंकि सड़क पर जगह-जगह गड्‌ढे के कारण जगह-जगह जाम की स्थिति बन जा रही है। ग्रीन कॉरिडोर बनाने के बाद भी रायपुर पहुंचने में एंबुलेंस को 40 से 55 मिनट तक का वक्त लग जाता है। जहां साल में कभी बहुत आपात स्थिति होने पर दो-चार बार ग्रीन कॉरिडोर बनाने की नौबत आती थी, अब ताे यह बहुत सामान्य बात हो गई है। इसे लेकर लगातार शिकायत भी हुईं, पर कार्रवाई कोई भी नहीं हुई।

खस्ताहाल एप्रोच रोड के कारण लगातार हो रहे हादसे
सुपेला से कुम्हारी के बीच ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य बिना वैकल्पिक मार्ग तैयार किए ही शुरू कर दिया गया। यही नहीं ओवर ब्रिज के कारण यातायात का दबाव एप्रोच रोड पर बढ़ गया,लेकिन निर्माणाधीन एजेंसी ने इसका स्थाई समाधान नहीं निकाला। खानापूर्ति के लिए बजरी और डामर का परतें चढ़ाकर पल्ला झाड़ते रहे। आलम यह है कि घड़ी चौक,पावर हाउस स्टेशन के सामने,डबरापारा और कुम्हारी एप्रोच रोड पर चार साल में 1 हजार से ज्यादा हादसे हुए हैं। बारिश में तो एप्रोच रोड की हालत बदतर हो जाती है।

एक साल से बंद घड़ी चौक पर वाहनों की आवाजाही फिर शुरू
वहीं यातायात पुलिस ने घड़ी चौक को रविवार से शुरू कर दिया है। इससे सुपेला से सेक्टर और जाने वाला ट्रैफिक शुरू हो गया है। 18 अगस्त 2021 को गार्डर लॉचिंग के लिए सुपेला चौक को बंद कर दिया गया था। टाउनशिप से पटरीपार आने वालों को करीब 30 मीटर दूर पान ठेले या आईसीआईसी बैंक और पटरीपार क्षेत्र से टाउनशिप जाने वालों को हनुमान मंदिर तक आना-जाना पड़ रहा था। आवागमन बाधित न हो ।यहां पर अस्थायी मीडियन कट बनाया गया था। अब लोग चाैराहे से सीधे आ-जा सकेंगे। इस प्रकार करीब एक साल बाद चौक पर आवागमन वैकल्पिक रूप से शुरू किया गया है।

एक दिन खोलने के बाद फिर बंद किया गया सुपेला का नया फ्लाई ओवर, आज फिर खुलेगा
शुक्रवार से चंद्रा मौर्या से सुपेला के बीच निर्माणाधीन ओ‌वर ब्रिज के एक हिस्से को शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर गुरुवार को दो घंटे का ड्राई रन भी किया गया था। शुक्रवार को एनएच ने 12 घंटे के लिए ब्रिज को ओपन किया था। लेकिन रविवार से दोबारा इसे बंद कर दिया गया। यातायात अधिकारियों के मुताबिक ओवर ब्रिज में निर्माण कार्य चल रहा है। वीकेंड पर यातायात दबाव कम रहता है। छोटे-मोटे निर्माण कार्य करने के लिए ब्रिज को बंद किया गया था। सुबह 6 से रात 10 बजे तक यह खुले रहेगा।

हादसों में मौत के जिम्मेदार एनएच और निर्माण एजेंसी पर एफआईआर होना चाहिए
सेक्टर 1 के वार्ड 54 के पार्षद बशिष्ट नारायण मिश्रा ने सीएम को पत्र लिखकर ओवर ब्रिज निर्माण एजेंसी और एनएच के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मिश्रा के मुताबिक बीते चार वर्षों में निर्माण के दौरान सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। एजेंसी के निर्माण के दौरान सारी जिम्मेदारी होती है। अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में नियमित निरीक्षण करें। इसलिए ऐसे लोगों पर एफआईआर होना चाहिए। उन्होंने इसकी मांग मुख्यमंत्री से की है।

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