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बिन बताए विदेश में मौज काट रहे थे राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मजा कर दिया किरकिरा, नोटिस जारी कर मांगा जवाब…

जगदलपुर. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धमशील गणवीर को वन विभाग ने नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में कुल 13 बिंदु अंकित किए गए हैं, जिसमें विभाग को बिना बताए विदेश जाने पर जवाब मांगा गया है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान इलाके में बिना अनुमति निर्माण कार्यों को लेकर भी जवाब देने की बात कही गई है. यह नोटिस 11 जून को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने जारी करते हुए 13 बिंदुओं पर जवाब मांगा है.

दरअसल, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धमशील गणवीर को इन सभी आरोपों के लिए एडिशनल पीसीसीएफ वन्य प्राणी कौशलेंद्र कुमार ने नोटिस जारी किया है. इतना ही नहीं कौशलेश कुमार ने धमशील को पार्क एरिया में करवाए जा रहे कई कामों को बंद करने का निर्देश भी दिया है. विगत 10 जून को कौशलेंद्र कुमार बस्तर प्रवास पर थे.

इस दौरान उन्होंने जब कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण किया तो उद्यान क्षेत्र में फैली अनियमितताओं को देखकर भड़क उठे. उन्होंने डायरेक्टर से जानकारी ली तो पता चला धमशील गणवीर विदेश यात्रा पर हैं. इसकी जानकारी पीसीसीएफ वन्य प्राणी को भी न दिए जाने की बात सामने आई. नाराज कौशलेंद्र कुमार ने कांगेर घाटी नेशनल पार्क के डॉयरेक्टर धमशील को शो कॉज नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में सभी 13 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है.

कुटुमसर के रास्ते में निर्मित चीतल बिल्डिंग सेंटर में चीतल और नीलगाय को एक साथ रखने के मामले में भी आपत्ति जताई गई है. नोटिस में कहा गया है कि, इसके लिए वन्य प्राणी अधिनियम के तहत केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. वहां पर वन्य प्राणियों के पीने के लिए तालाब में गंदा पानी है, यह भी उचित नहीं है.

इसके अलावा तीरथगढ़ नाके में 50 रुपये पर वाहन से शुल्क वसूली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, वहां की सफाई के लिए विभाग से 6 श्रमिक लगाए गए हैं. ऐसे में वाहनों से 50 रुपये की वसूली गलत है. बैरियर में मौजूद व्यक्तियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथी ही 70 लाख के स्टॉप डेम के निर्माण को भी गलत बताते हुए तीरथगढ़ के रास्ते में कक्ष क्रमांक 163 में निर्माणाधीन स्टाफ डेम बन रहा है, जिसकी लागत 70 लाख है यह काम भी ठेकेदार से करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, यह सदाबहार नदी है इसलिए यहां यह निर्माण नहीं होना चाहिए. इसी तरह का क्रमांक 164 में भी पर्यटक कुटीर निर्माण के औचित्य पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए हैं. इसके अलावा अन्य कई बिंदुओं पर भी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निर्देशक धमशील गणवीर से जवाब मांगा गया है.

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