छत्तीसगढ़

भटगांव मे बाबा संत शिरोमणि गुरुघासीदास की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया

के. पी. पटेल भटगांव—– 18 दिसंबर को छत्तीसगढ़ राज्य में सतपुरुष बाबा संत शिरोमणि गुरुघासीदास की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जहां बाबा के सात वचनों को जन-जन तक पहुँचाने सतनाम संदेश यात्रा निकाला और मानव-मानव एक समान का परिचय देते भाई चारे का संदेश दिया।।
इसी कड़ी में 18 दिसम्बर को संत शिरोमणि गुरुघासीदास बाबा जी के जनमोत्स्व पर बिलाईगढ़ जिला के नगर पंचायत भटगांव में सतनामी समाज के लोगों द्वारा सतनाम संदेश यात्रा निकाला गया। इस दौरान सबसे पहले प्रगति नगर में स्थित बाबाजी के जैतखाम्भ की पूजा अर्चना कर जैतखाम्भ में पालों चढ़ाया गया जिसके बाद सतनाम सन्देश यात्रा निकाला गया जो बंजारी चौक के साथ-साथ और नगर के अन्य चौक में स्थित जैतखामों में स्वेत पालों चढ़ाया गया। ततपश्चात सतनाम संदेश यात्रा पूरा नगर का भ्रमण किया और मनखे-मनखे एक समान व भाई-चारे का संदेश दिया। इस दौरान नगर के चौक-चौराहों में नगर के जनप्रतिनिधियों सहित सर्व समाज के लोगों ने बाबाजी संदेश यात्रा का स्वागत करते बाबाजी की पूजा अर्चना कर यात्रा में शामिल हुआ। वहीं इस सतनाम संदेश यात्रा के दौरान सतनाम सामाज के पदाधिकारी ,वरिष्ठगण सहित हजारों संख्या जनसमुदाय शामिल था।


बताया जाता है संत शिरोमणि गुरुघासीदास बाबा जी का जन्म गिरौदपुरी में हुआ था उनके पिता का नाम महंगूदास, माता-अमरौतिन और उनके धर्मपत्नी सफुरा था।बाबाजी का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब समाज में छुआछूत,जातपात सहित ऊंचनीच और झूठ-कपट का बोलबाला था। बाबा ने ऐसे समय में सामाज में एकता,भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया । लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी । उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानव हित में किया इसीलिए गुरुघासीदास बाबा को सतनाम पंथ का संस्थापक माना जाता हैं। बाबा ने सत का संदेश दिया जिसमें ,मनखे-मनखे एक समान ना कोई ऊंच-नीच,जाती-पाती के भेदभाव को मिटाने सहित अनेको बुराइयों को मिटाते हुए सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।।

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