छत्तीसगढ़

सघन अभियान चलाकर हो रही टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की खोज

के पी पटेल बिलाईगढ़ – टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में सघन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत 1 दिसम्बर से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर-घर जाकर इन बीमारियों के संभावित मरीजों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा अभियान के अंतर्गत संभावित मरीजों की जांच कर पॉजिटिव पाए गए लोगों को इलाज भी उपलब्ध कराया जाएगा। सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान दो चरणों में संचालित किया जा रहा है। पहला चरण 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक संचालित किया जाएगा। सघन अभियान के तहत 1 से 8 दिसंबर 2022 तक 404836 से अधिक लोगों का सर्वे किया गया। इनमें 703 टीबी के एवं 651 कुष्ठ मरीजों की पहचान हुई है। जिनकी जांच कर इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।


इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. एफ आर निराला के निर्देशानुसार 1 दिसंबर से प्रथम चरण की शुरूआत हो चुकी है। 21 दिसंबर तक इन दोनों बीमारियों के संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। वहीं अभियान के दूसरे चरण में 2 जनवरी 2023 से 17 जनवरी 2023 तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम्स, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों और केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टीबी व कुष्ठ के संभावित मरीजों की दैनिक सूची प्राप्त कर पंजीयन किया जाएगा। तत्पश्चात संभावित मरीजों का निःशुल्क सैंपल भी लिया जाएगा। अभियान के दौरान मितानिन अपने-अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान कर रही हैं, इसके पश्चात मितानिन द्वारा खोजे गए टीबी एवं कुष्ठ के संभावित मरीजों का पुनः परीक्षण संबंधित क्षेत्र के एमपीडब्ल्यू (बहु-उद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता) एवं एएनएम द्वारा किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में मितानिन कार्यरत नहीं हैं, वहां नजदीक के क्षेत्रों की मितानिन या कुष्ठ मित्र, टीबी चैम्पियन, टीबी मितान की सेवाएं ली जाएंगी। मितानिन द्वारा घर-घर भ्रमण के दौरान चिन्हांकित टीबी एवं कुष्ठ के संभावित रोगियों को निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच कराने की सलाह दी जाएगी। वही स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दोनों बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज सुगमता से हो इसका प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा 1 दिसम्बर से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले टीबी व कुष्ठ के संभावित मरीजों की अलग से सूची तैयार होगी, जिससे अभियान के दौरान मितानिनों द्वारा प्राप्त सूची से इसका मिलान किया जा सके, ताकि इन बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों को उपचार उपलब्ध हो सके।


दीवार लेखन से जागरूकतासघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के प्रभावी संचालन के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके इसका प्रयास किया जा रहा है। जिला स्तर पर टीवी चैनलों एवं समाचार पत्रों के साथ ही समुदाय स्तर पर मास-स्क्रीनिंग, माइकिंग, बैनर पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं घर-घर टीबी एवं कुष्ठ रोगियों की खोज करने वाले दल , मितानिन द्वारा दीवार लेखन के माध्यम से अभियान के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही लोगों को इन बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।

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