
हरेन्द्र बघेल रायपुरः छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर सियासत गरमाई हुई है। राज्य सरकार ने इस विधेयक को राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा है, लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को अभी तक मंजरी नहीं दी है। इसी बीच अब कांग्रेस के 14 विधायक राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे हैं। इनमें राज्य सरकार के तीन आदिवासी मंत्री कवासी लखमा, प्रेमसाय, अनिला भेड़िया भी शामिल है। ये सभी विधायक राज्यपाल से आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर चर्चा किए और विधेयक पर हस्ताक्षर का आग्रह किए।
बता दें कि 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में 58 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया है। इसके बाद राज्य में आदिवासी समाज सड़क में उतर गई जमकर बवाल मचा।
फिर सरकार ने चुनाव के ठीक पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कराया है और 2 दिसंबर को ही सरकार की तरफ से मंत्रिमंडल के सदस्यों ने राज्यपाल को विधेयक हाथ में सौप दिया। लेकिन आज तक राजभवन से विधेयक को मंजूरी नहीं मिली है।
गौरतलब है कि आरक्षण संशोधन विधेयक के अनुसार आदिवासी आरक्षण फिर से 32 प्रतिशत, इसी के साथ ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया गया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति ने 16 फीसदी आरक्षण को घटाकर 13 फीसदी किया गया है। वहीं ईडब्ल्यूएस 4 फीसदी आरक्षण पर अटके हुए हैं। पर जब तक राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होंगे भर्ती परीक्षा और एडमिशन प्रक्रिया में छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।