
राज्य की बिजली कंपनी के तर्ज पर बीएसपी प्रबंधन भी टाउनशिप के घरों में स्मार्ट मीटर लगाएगा। इस मीटर में प्रीपेड की सुविधा रहेगी। साथ ही स्मार्ट मीटर ऑनलाइन होने से चोरी रोकने व छेड़छाड़ होने पर तत्काल कार्रवाई संभव हो सकेगी। बीएसपी प्रबंधन ने यह प्रक्रिया केंद्र सरकार के निर्देश पर करने जा रहा है। केंद्र ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने टाउनशिप के घरों में 2025 तक स्मार्ट मीटर लगाया जाना सुनिश्चित करें। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि बाद में किसी भी तरह की स्कीम को लागू करने के पहले एनर्जी आडिट का कराया जाना अनिवार्य होगा।
वर्तमान में बीएसपी के टाउनशिप में इलेक्ट्रानिक मीटर लगे हुए हैं जो पूरी तरह मैनुअल ऑपरेटेड है। इसे ऑनलाइन सिस्टम से कनेक्ट नहीं किया जा सकता। इस वजह से इन मीटरों में बिजली चोरी की संभावना बनी रहती है, साथ ही छेड़छाड़ किए जाने पर प्रबंधन को जानकारी भी नहीं हो पाती। इसे देखते हुए इस नई व्यवस्था को लागू किया जाना तय किया गया है। बीएसपी प्रबंधन ने केंद्र के निर्देश पर इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। बिजली मीटर खरीदने के लिए कार्य एजेंसी तय किया जाना है। इसे लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
टाउनशिप में 30 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ता
- 37 मेगावाट बिजली डिमांड पीक हावर्स में
- 66 करोड़ से ज्यादा की होती है बिलिंग
- 10 करोड़ हर साल रह जाता है पेंडिंग
- 35 करोड़ तक की बिजली चोरी
पहले चरण में फीडर और डीटी में लगेंगे बिजली मीटर
टाउनशिप के आवासों में स्मार्ट मीटर लगाने की नगर सेवाएं विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। योजना दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में 2.60 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। जिससे फीडर और वितरण ट्रांसफार्मर (डीटी) में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। ताकि फीडर से कितनी बिजली की सप्लाई की गई और डीटी को कितनी बिजली प्राप्त हुई इसका तत्काल पता लग जाएगा। यदि दोनों की रीडिंग में अंतर मिला तो नियमत: कार्रवाई भी होगी।
पीक हावर्स में 37 मेगावाट से ज्यादा की डिमांड
टाउनशिप में सामान्य स्थिति में 22 मेगावाट तक बिजली की डिमांड रहती है। वहीं पीक हावर्स में यह डिमांड बढ़कर 37 मेगावाट तक पहुंच जाती है। इलेक्ट्रिकल उपकरणों के इस्तेमाल में लगातार हो रही वृद्धि की वजह से टाउनशिप में बिजली की खपत भी बढ़ रही है। जिससे निपटने के लिए वह नए सब स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।िजली सप्लाई के लिए 220 केवी का एक सब स्टेशन और 33 केवी के 6 सब स्टेशन बनाने होंगे।
मैनपावर की होगी बचत, भुगतान भी एडवांस में
स्मार्ट मीटर लगाए जाने से बीएसपी के मैनपावर की बचत हो जाएगी जो उसके लिए वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि इन मीटरों के लगने से प्रबंधन को रीडिंग के लिए न तो मैनपावर की जरूरत होगी न ही भुगतान के लिए लिए दबाव बनाने अमले को मौके पर भेजने की आवश्यकता होगी। क्योंकि स्मार्ट मीटर में प्रीपेड की सुविधा होने से उपभोक्ता को खपत के अनुसार एडवांस में भुगतान करना होगा अन्यथा बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी।
चोरी की वजह से हर साल 35 करोड़ का नुकसान
टाउनशिप के कुछ हिस्से में प्रबंधन के ज्यादातर मकान कब्जे में है। जहां कब्जेधारी बिजली भी कटिया डालकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके कारण प्रबंधन को हर साल 30 से 35 करोड़ का नुकसान हो रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने के पहले प्रबंधन ने बिजली चोरी रोकने के कई तरह के प्रयास किए लेकिन ठोस नतीजे नहीं मिले। नई व्यवस्था के लागू होने से प्रबंधन को बिजली चोरी के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान से भी राहत मिल जाएगी और कब्जेधारियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
दूसरे चरण में सभी आवास किए जाएंगे कवर
पहले चरण में फीडर और डीटी में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के साथ-साथ उन 10 हजार मकानों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे जो थर्ड पार्टी को अलाट किए गए हैं। इस चरण के काम को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले चरण में बाकी 30 हजार आवासों में नए मीटर लगाए जाने की योजना है। इस कार्य को 2025 तक पूरी करने का टार्गेट रखा गया है। बताया गया कि 30 हजार मकानों में से वर्तमान में 28 हजार में इलेक्ट्रानिक और शेष में पुराने काले मीटर लगे हुए हैं।