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Govt Teachers प्राइवेट ट्यूशन को कहें- NO! कोचिंग देते पकड़े गए तो होगी ये कार्रवाई

Govt Teachers प्राइवेट ट्यूशन को कहें- NO! कोचिंग देते पकड़े गए तो होगी ये कार्रवाई

प्राइवेट व शासकीय स्कूल के शिक्षक स्कूल के आड़ मे कर रहें हैं कोचिंग का संचालन

स्कूल मे कम और कोचिंग मे पढ़ाई ज्यादा, बच्चें मोटी रकम देकर ले रहें हैं कोचिंग का फायदा 

हर गली मोहल्ले मे क गये कोचिंग,

बिना किसी सुविधा और रजिस्ट्रेशन के कर रहें हैं कोचिंग का संचालन 

छत्तीसगढ़ – अक्सर देखने को मिलता है कि देशभर के टीचर्स एक्सट्रा कमाई के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं. हालांकि, ऐसा ज्यादातर प्राइवेट टीचर करते हुए पाए जाते हैं. लेकिन इसका प्रचलन धीरे-धीरे सरकारी स्कूल के टीचर्स के बीच भी पहुंच चुका है. इस वजह से आपको कहीं न कहीं कोई Govt Teacher ट्यूशन देता हुआ मिल जाएगा. मगर ऐसा लगने लगा है कि अब सरकार इस मामले में सख्त हो रही है. दरअसल, मणिपुर में तो टीचर्स से कहा गया है कि अगर वह ट्यूशन देते पाए गए, तो उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.छत्तीसगढ़ सरकार ने टीचर्स से कहा है कि वे प्राइवेट ट्यूशन और प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में कोचिंग देने से बचें. अगर वे ऐसा करते हुए पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. दरअसल, बहुत से अभिभावकों और बच्चों की शिकायत रहती है कि उनके टीचर उन्हें ठीक ढंग से नहीं पढ़ा रहे हैं. मगर वे कह रहे हैं कि स्टूडेंट्स उनके पास ट्यूशन ले सकते हैं, जहां वह कम बच्चों के बीच में उनके डाउट क्लियर कर सकते हैं. सरकार का इरादा इसी प्रवृत्ति को रोकने का है.

सरकारी स्कूलों के टीचर दे रहे कोचिंग –

छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों, ब्लॉक् नगर एवं गावों मे शासकीय शिक्षक को आप अवैध कोचिंग का संचालन करते देख़ सकते हैं. जो अपने स्कूल के बच्चों का ध्यान कम देते है और कोचिंग मे मोटी फीस वसूलकर अपना सारा ध्यान कोचिंग के बच्चों पर लगाते हैं. जिससे स्कूल के बच्चें मज़बूरीवस स्कूल मे पढ़ाई नहीं होने से उस शासकीय शिक्षक के पास ही अधिक पैसे देकर कोचिंग करते हैं. जबकि ओ शिक्षक वहीं मेहनत स्कूल के बच्चों के लिये करते तो आज बच्चों को कोचिंग की ही जरुरत नहीं पडती.

स्कूल के शिक्षकों कोचिंग के लिये द या तो प्रैक्टिकल अंक देने की लुभावना दी जाती है या फिर स्कूल मे पढ़ाई कमजोर करने के बाद कोचिंग का पढ़ने के लिये मजबूर की जाती है. वहीं भटगांव, सरसींवा, धोबनी, सलोनीकला सहित कई स्थानों मे शासकीय शिक्षक प्राइवेट कोचिंग का संचालन कर रहें है या अन्य कोचिंग मे एक्स्ट्रा इनकम के लिये पढ़ा रहें है.

अक्सर सरकार ने देखा है कि विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे कुछ टीचर या तो प्राइवेट ट्यूशन दे रहे हैं या कोचिंग सेंटर में काम कर रहे हैं .सरकार ने पहले भी कहा है कि शिक्षक इस तरह ये दोनों ही काम सिविल सेवा नियम 1964 के आचरण का उल्लंघन हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने वाले टीचर्स पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

टीचर्स पर क्या हो सकती है कार्रवाई?

नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी सरकारी सेवक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यापार या व्यवसाय से जुड़ा हुआ नहीं होगा. बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 भी टीचर्स को प्राइवेट ट्यूशन या प्राइवेट टीचिंग एक्टिविटी में शामिल होने से रोकता है.’

इस नोटिफिकेशन में आगे कहा गया, ‘स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि कोचिंग क्लास/प्राइवेट ट्यूशन मुहैया करने वाले सरकारी टीचर्स के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’ माना जा रहा है कि अगर कोई टीचर ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसे सस्पेंड भी किया जा सकता है.

ऐसे ही हाल अब प्राइवेट स्कूल मे पढ़ाने वाले शिक्षकों का हो गया है. प्राइवेट स्कूल मे शिक्षक अब स्कूल मे कम और अपने प्राइवेट कोचिंग मे अधिक ध्यान दे रहें है जिसके कारण वे शिक्षक अपने ही स्कूल के बच्चों को अपने घर के कोचिंग आने मे प्रेरित कर रहें है ताकि स्कूल के अन्य बच्चों से अधिक अंक लाये और उन्हें पेपर मे आने वाले प्रश्नों को भी आसानी से हल करवाकर क्लास मे आगे ला सके. यदि प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भी ध्यान देते तो आज प्राइवेट स्कूल शिक्षक के पास कोचिंग या कहीं भी कोचिंग जाने की जरुरत नहीं पडती.

अब प्राइवेट स्कूल के आड़ मे प्राइवेट शिक्षक द्वारा स्कूल के बच्चों को कोचिंग पढ़ा रहें हैं उनके द्वारा जो बिना किसी रजिस्ट्रेशन, कोचिंग मे बिना व्यवस्था और बिना सुविधा के हर गली मोहल्ले मे संचालन कर रहें हैं. उस स्कूल और शिक्षक के खिलाफ भी नाम प्रकाशित कर कार्यवाही हेतू आगे की प्रकिया की जाएगी.

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