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स्वच्छता में हमारा शहर अव्वल, 1 अक्टूबर को दिल्ली में हमें मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार, स्वच्छता के लिए जशपुर नगर को चौथी बार मिलेगा पुरस्कार

जशपुर 
सड़क किनारे उग आए घास को मंगलवार को सफाई करते कर्मी।  व 
बारिश के दौरान कचरा इकट्‌ठा करतीं एसएलआरएम सेंटर की महिलाएं। - Dainik Bhaskar

स्वच्छता सर्वेक्षण का प्रारूप बदलते हुए केन्द्र सरकार ने इस वर्ष आजादी @ 75 सर्वेक्षण का नाम दिया था। सर्वेक्षण के बाद अब पुरस्कार की बारी है। अच्छी बात है कि इस वर्ष भी हमारा शहर जशपुर सबसे साफ-सुथरे शहरों में शामिल हुआ है। 1 अक्टूबर को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए आजादी @ 75 सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में जशपुर नगरपालिका के अध्यक्ष नरेशचंद्र साय, सीएमओ, नोडल अधिकारी और स्वच्छता दीदी पुरस्कृत किए जाएंगे।

आजादी @ 75 सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ के 11 नगरीय निकायों का चयन हुआ है। इनमें नगरपालिका निगम अंबिकापुर, भिलाई चरौदा, चिरमिरी, नगरपालिका परिषद अकलतरा, बलौदाबाजार, बलरामपुर, कवर्धा, जशपुरनगर, नगर पंचायत में विश्रामपुर और पाटन शामिल हैं। जशपुर नगरपालिका परिषद को यह चौथा नेशनल अवार्ड मिलने जा रहा है। इससे पहले भी पालिका ने तीन नेशनल अवार्ड जीते हैं। पहले जहां सर्वे के कुल अंक 6000 निर्धारित थे, वहीं केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर अब 7500 कर दिया है।

सर्वेक्षण में पहली बार सफाईकर्मियाें की सुरक्षा पर भी अंक निर्धारित किया गया था। 2022 का स्वच्छता सर्वेक्षण फरवरी में शुरू हुआ था। इस वर्ष के सर्वेक्षण में सर्विस लेवल पर 300 अंक निर्धारित थे। इसमें देखा गया था कि सफाई व्यवस्था में डिजिटल ट्रेकिंग सिस्टम लागू है या नहीं। कचरे काे अलग-अलग किया जाता है या नहीं। इसी तरह सिटीजन फीडबैक पर 2250 अंक निर्धारित थे। सर्वेक्षण पूरे सौ फीसदी वार्ड में किया गया था।

 

शहर को साफ-सुथरा बनाने यह पांच उपाय जरूरी

1. दो एसएलआरएम सेंटर का संचालन है: शहर में स्वच्छता के लिए दो एसएलआरएम सेंटर का संचालन हो रहा है, जहां गीले व सूखे कचरे को अलग कर कचरों का निपटान किया जाता है। 2. कचरा फेंकने के लिए डस्टबिन: घरों के कचरे खुले में यहां-वहां ना फेंके जाएं इसके लिए नगर पालिका द्वारा शहर के 6200 परिवारों को डस्टबिन बांटी है। 3. स्वच्छता कमांडो: शहर में वर्तमान में 15 स्वच्छता कमांडो हैं जो कि रात के वक्त शहर की चौक-चौराहों व मुख्य सड़कों को झाड़ू मारकर साफ करते हैं। 4. 75 महिलाओं की टीम: घरों से गीला व सूखा कचरा एकत्रित करने के लिए 75 महिला स्वच्छता कर्मियों की टीमें शहर में काम कर रही हैं। प्रत्येक टीम में तीन महिलाएं हैं। 5. जगह जगह लीटरबिन: शहर में लोग रैपर, पाउच, पानी के बॉटल, कागज आदि यहां वहां ना फेंकें इसलिए नगर पालिका ने सार्वजनिक स्थानों पर लीटरबिन (कचरे का डिब्बा) लगाया है। कचरे के पांच डिब्बों वाला स्टैंड है।

वर्तमान में इन संसाधनों का किया जा रहा सफाई में उपयोग

6- 8 ऑटो टीपर- इसकी मदद से सार्वजनिक स्थलों का कचरा उठाया जा रहा है। 7- 4 ट्रैक्टर- विभिन्न कार्यक्रमों के बाद कार्यक्रम स्थल के कचरा उठाने के लिए। 8- 20 रिक्शा- सभी वार्डों के लिए एक-एक रिक्शा। 9- 55 सफाई कर्मचारी नगरपालिका के जिसमें 10 नियमित कर्मचारी व 45 संविदा।

इससे पहले मिल चुके हैं नगर को और कई अवॉर्ड
15 फरवरी 2019 को लाइवलीहुड अवार्ड में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। 6 मार्च 2019 को राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मान जशपुर को मिल चुका है। 2019 में ओडीएफ प्लस प्लस में भी जशपुर को स्टार थ्री रेंक मिले थे। शत प्रतिशत ऑनलाइन शिकायतों के निपटान में भी जशपुर ने ए ग्रेड हासिल किया था। मई 2020 में गारबेज फ्री सिटी में जशपुर को थ्री स्टार रैंक मिला। 2021 के लिए 20 नवंबर को जशपुर पालिका को नेशनल अवार्ड नगर को प्राप्त हुआ था।

जनता के सहयोग से यह सब मुमकिन हुआ है
जशपुर नगरपालिका को यह चौथा नेशनल अवार्ड मिल रहा है। इसमें जशपुर की जनता, जनप्रतिनिधि, पार्षदों के साथ स्वच्छता कर्मचारियों की अहम भूमिका है। स्वच्छता कर्मचारियों ने हर आदेश का पालन किया और समर्पित भाव से काम किया है। सफाई कर्मचारियों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित कर काम जा रहा है।

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