गरियाबंदछत्तीसगढ़

4 शिक्षकों ने कोर्ट का आदेश बताकर खुद का रोका ट्रांसफर, फिर ली मनचाहे जगह ज्वाइनिंग, जानिए कैसे हुआ खेला…

गरियाबन्द. शिक्षा विभाग में इन दिनों गैर जिम्मेदाराना हरकत देखने को मिल रही है. ऐसे में एक बार फिर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुन आप भी हैरान रह जाएंगे. हुआ कुछ यूं कि छुरा से मैनपुर तबादला होकर आए 4 शिक्षकों ने कोर्ट का ट्रांसफर का स्टे आर्डर बताकर फिर से छुरा वापसी का आदेश निकलवा लिया. हालांकि, आदेश निकालने वाले बीईओ को भनक लगी कि कोर्ट ने कुछ और कहा है तो अपने आदेश को निरस्त कर दिया. अब डीईओ ने मैनपुर बीईओ को शो कॉज नोटिस थमाकर कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.

बता दें कि, शिक्षा विभाग फिर से अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. इस बार अफसर नहीं मातहतों का ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसे सुनकर अच्छे-अच्छे के होश उड़ जाएंगे. छुरा विकास खण्ड के कुरूद में पदस्थ सहायक शिक्षक फडेन्द्र साहू, सरकंड़ा में पदस्थ प्रेमदास मार्कण्डेय, चरौदा में पदस्थ सुखसागर कुर्रे, और कूटेना में पदस्थ अनुज कुमार का तबादला मैनपुर के स्कूलों में हुआ था.

भारी मशक्कत के बाद चारों ने 10 दिन पहले ही मैनपुर के बाहरापारा,जरहिडीह, डूमाघाट, घुमरापदर में ज्वाइन कर लिया था. महाशयों को स्कूल अपने पसंद का मिला नहीं, इसलिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया वहां से अंग्रेजी में लिखा एक आदेश की कॉपी साथ लेकर मैनपुर बीईओ आर आर सिंह के दफ्तर पहुंच बकायदा कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चारों ने एक-एक पत्र थमा कर ज्वाइनिंग आदेश निरस्त करवा दिया.

इतना ही नहीं आदेश तो निरस्त कराया ही, साथ ही वापस छुरा के स्कूल में जाने का आदेश भी निकलवाया. जिसके बाद चारों ने मनपसंद जगह फिर से ज्वाइनिंग कर ली. हालांकि, देर शाम जब मैनपुर बीईओ को पता चला कि कोर्ट के आदेश में कुछ और ही लिखा है तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई. अंग्रेजी में लिखे आदेश को जब हिंदी अनुवाद कराया गया तो पता चला उन्हें अपने तबादला निरस्त कराने जिला समिति यानी कलेक्टर के समक्ष अपनी बात रखनी होगी, या फिर दोबारा अभ्यावेदन प्रस्तुत करना होगा.

निरस्त किया आदेश-
बीईओ ने ट्रांसलेट समझते ही अगले दिन यानी 29 नवम्बर को अपने 28 को जारी किए आदेश को निरस्त कर दिया, उधर छुरा बीईओ को भी जॉइनिंग आदेश निरस्त कर उन्हें दोबारा मैनपुर के लिए रिलीव करना पड़ा. इस पूरे मामले में डीईओ के कथित रिश्तेदार कहे जाने वाले प्रेमदास मार्कण्डेय की भूमिका अहम है. मैनपुर बीईओ आर आर सिंह ने अपने अधिकारी का नाम लिए बगैर कहा कि उनके अधिकारी ने ही कोर्ट आदेश का पालन करने कहा था. शासन स्तर पर भी उन्हें निर्देश मिला हुआ है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना न हो. हालांकि, बीईओ सिंह ने माना कि शिक्षकों के लिखित आवेदन देने पर वे कोर्ट के टिप्पणी को देखना पढ़ना उचित नहीं समझे, जब समझ में आया तो आदेश निरस्त कर दिया.

2 बीईओ सिंह को शो काज नोटिस जारी-
वहीं इस कांड के बाद अब मामले में मरहम पट्टी लगाने की कोशिश शुरू हो गई. आज यानी 30 नवम्बर को डीईओ करमन खटकर ने बीईओ सिंह और छूरा बीईओ केएल मतावले को शो काज नोटिस जारी किया है. जिसमें अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता का हवाला दिया गया है. 12 दिन के भीतर इन सभी को जवाब प्रस्तुत करना होगा. जवाब सन्तोषप्रद नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

इसके अलावा उन 4 शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया जाना था,लेकिन उन्हें जारी नहीं किया गया है. इन्होने ही BEO को गुमराह किया था.

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