बोर्ड के परीक्षार्थियों को मुफ्त में ऑनलाइन हाइब्रिड शिक्षण देने के लिए किया एमओयू

जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई छत्तीसगढ़ के शासकीय शालाओं में हाइब्रिड मॉडल से पढ़ाई करने वाला प्रथम जिला बन गया है। कलेक्टर डॉ. जगदीश कुमार सोनकर ने दो दिसंबर को जिले के शासकीय शालाओं में बोर्ड परीक्षा के लिए संचालित निशुल्क ऑनलाइन हाइब्रिड कोचिंग में जुड़कर 40 स्कूलों के 1020 परीक्षार्थियों से सीधे चर्चा कर तैयारी की स्थिति का आकलन किया।
जिला प्रशासन और भिलाई की सचदेवा कोचिंग अकेडमी के मध्य नवगठित जिले में बोर्ड परीक्षा के लगभग 1400 विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखकर निशुल्क ऑनलाइन हाइब्रिड शिक्षण के लिए एमओयू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य विषय शिक्षक की कमी से जूझ रहे नवगठित जिले के सभी हायर सेकेंडरी शालाओं को एक साथ बेहतर शिक्षण व्यवस्था मुहैय्या कराना है।
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इसके लिए चार चरण की रणनीति बनाकर लगातार कार्य किया गया। प्रथम चरण में दूरसंचार विभाग के सहयोग से सभी शालाओं को अबाधित इंटरनेट कनेक्टिविटी में लाया गया।
मॉनिटरिंग कर रहे अफसर
दूसरे चरण में सभी शालाओं में प्रोजेक्टर सेट, स्पीकर, माइक और कैमरा की हालत को सुधार किया गया। तीसरे चरण में निशुल्क सेवा देने वाले कोचिंग संस्था से टाइअप किया गया। चौथे चरण में विषय शिक्षकों को मेंटोर के रूप में तैयार कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा सतत अकादमिक और तकनीकी मॉनिटरिंग की जा रही है। इस प्रकार जिले में निशुल्क ऑनलाइन हाइब्रिड मॉडल की कोचिंग दी जा रही है।
समय सारिणी पर की चर्चा
ऑनलाइन समीक्षा आंकलन के दौरान कलेक्टर ने प्रोजेक्टर पर डिस्प्ले शालाओं का रेन्डेमली चयन कर कोचिंग वाले छात्रों से पढ़ाई का हालचाल जाना। बातचीत में जिले के 12 हायर सेकेंडरी शालाओं के लगभग 20 बच्चों से पढ़ाए जाने वाले विषय, इंटरनेट कनेक्टिविटी, वीडियो व ऑडियो की क्वालिटी, विषय वस्तु की समझ और समस्या समाधान व समय सारणी आदि मुद्दों पर सीधी चर्चा की। सभी बच्चों को ऑनलाइन क्लासरूम में प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया।
विद्यार्थियों ने कहा- कोचिंग से समझने में आसानी हो रही
ऑनलाइन चर्चा में कलेक्टर से जिले के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक शालाओं के बच्चों ने हिस्सा लिया। इसमें मदोड़ा स्कूल से 12 वीं की छात्रा मानसी वर्मा, जगलपुर स्कूल से अजय नेताम व नीलम वर्मा, साल्हेवारा से प्रवीण, छुईखदान से रामेश्वरी व भूपेंद्र, गातापार कला से सुहासिनी, धोधा स्कूल से विनीता ने चर्चा में हिस्सा लिया।
इसी प्रकार मदराकुही, टोलगांव, बाजार अतरिया, चंदैनी और पैलीमेटा स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बातचीत कर कोचिंग की पढ़ाई के बारे में बताया कि विषय की क्लास नियमित लग रही है और भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और गणित जैसे विषय को समझने में आसानी हो रही है। प्राचार्यों को ऑनलाइन कक्ष को स्मार्ट बनाने के निर्देश दिए।
सभी स्कूलों में लागू करेंगे
जिला नोडल अधिकारी डॉ. मकसूद अहमद ने बताया कि जिले में हाइब्रिड एजुकेशन की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी शालाओं को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी में लाना और चार चरण की रणनीति में मेंटोर की भूमिका के साथ इसे 100 स्कूलों में लागू करना हमारा मुख्य ध्येय है।
सहयोग से सामूहिक प्रयास
जिला शिक्षा अधिकारी ओएसडी डॉ. केवी राव ने बताया कि यह कार्य सेवा भावी कोचिंग अकेडमी के निशुल्क सहयोग से कठिन समझे जाने वाले विषयों जैसे भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और गणित में ब्लू प्रिंट का उपयोग कर बेहतर परिणाम के लिए एक सामूहिक प्रयास है।