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रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए मांगी अनुमति

रायपुर : रायपुर मंडल ने बिलासपुर से दुर्ग स्टेशन तक 130 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए पटरियों को अपडेट करने का कार्य पूरा कर लिया है। बिलासपुर से नागपुर रेलवे स्टेशन तक का सफर अब आसान होगा। फिलहाल रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए अनुमति मांगी है।

बोर्ड से अनुमति मिलते ही बिलासपुर से रायपुर और दुर्ग होते नागपुर जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। वर्तमान में यात्री बिलासपुर से नागपुर 412 किलोमीटर छह घंटे 25 मिनट में पहुंचते हैं। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से यह दूरी 1 घंटा 55 मिनट तक कम हो जाएगी।

इससे यात्रियों के समय की बचत होगी। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक को अपडेट करने के साथ इसका ट्रायल भी कर लिया गया है। ट्रेन के परिचालन में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा। बिलासपुर से नागपुर के बीच रोज लगभग 112 ट्रेनें रायपुर होकर चलती हैं। वर्तमान में ज्यादातर ट्रेनों की औसतन स्पीड 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे ही है।

रेलवे पिछले चार सालों से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर ही काम कर रहा है। ताकि ट्रेनों का परिचालन 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से किया जा सके। काम की गति धीमी होने के कारण ट्रैक मरम्मत का काम निर्धारित अवधि में पूरा नहीं हो पाया। कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर भी काम को रोकना पड़ गया था।

अब रायपुर रेलवे मंडल ने ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा कर सभी डाक्यूमेंट्स जोन मुख्यालय में भेज दिए हैं, जिससे ट्रेन की रफ्तार को बढ़ाई जा सके। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद ट्रेनों की गति बढ़ा दी जाएगी। रेलवे सूत्रों की माने तो एक महीना का समय लग सकता है।

नागपुर-दुर्ग से बीच 130 की रफ्तार से चल रही ट्रेन

दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले नागपुर रेलवे मंडल ने दुर्ग स्टेशन के करीब तक ट्रैक को अपडेट करने का काम पहले ही पूरा कर लिया है। अभी नागपुर से दुर्ग और दुर्ग से नागपुर के बीच लंबी दूरी की ज्यादातर ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही हैं। इससे नागपुर से दुर्ग से बीच यात्रियों का एक घंटे का समय बच रहा है। ठीक इसी तरह रायपुर मंडल में काम पूरा कर लिया गया है। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाने से यात्रियों को फायदा मिलने लगेगा।

पटरियों के किनारे लगाए जा रहे बैरिकेड्स

रायपुर-बिलासपुर मुख्य हावड़ा-मुंबई रेल लाइन पर है। इस रुट में गोंदिया से झारसुगड़ा तक का क्षेत्र बिलासपुर जोन के अंतर्गत है, इसलिए जोन के तीनों रेल मंडलों को ये जिम्मेदारी दी गई है कि रेल पटरी के दोनों तरफ के खुले हिस्सों को बेरिकेडिंग से बंद करें। ताकि मवेशी इधर-उधर से रेल पटरी में न घुस सकें। ट्रेनों के स्पीड में सबसे बड़ा खतरा मवेशी हैं। इसलिए पटरियों के किनारे बेरिकेट लगाया जा रहा है। बेरीकेट्स लग जाने से मवेशी की एंट्री का खतरा नहीं रहेगा।

“रायपुर मंडल में 130 की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए पटरियों के काम पूरा कर लिए गए हैं। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद ट्रेनों की गति में इजाफा हो जाएगा। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी।”

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