बर्बादी का कारण बन रहा नशा… पुलिस समझा रही जिंदगी का अर्थ… प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल आखिर कब समझेंगे इसका अर्थ… एडिशनल एपी, SDOP सहित थानेदार उतरे सड़क पर

दीपक वर्मा बलौदाबाजार – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा के मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचीन्द्र चौबे एस डी ओ पी बलोदाबाज़ार सुभाष दास के निगरानी में सिटी कोतवाली पुलिस के द्वारा तम्बाकू युक्त नशा व सिगरेट नशे के विरुद्ध अभियान शुरू किया गया है और इसे लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी के साथ संबंधित लोगों को समझाने के साथ बताया जा रहा है कि जिंदगी काफी महत्वपूर्ण है और इसे सार्थक बनाने में रुचि ली जाए। क्योंकि धूम्रपान करने से पहले फेफड़े खराब होते है और फिर बाद में स्वसन तंत्र काम करना बंद कर देता है। एक ओर सरकारी हमला अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुटा है दूसरी ओर सरकार के जिम्मेदार आंख और कान बंद करके बैठे हैं। वादे के बावजूद भी प्रदेश में शराबबंदी लागू करने में सत्ताधारी पार्टी द्वारा हीला हवाली की जा रही है।
सिगरेट एंड दर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट( कोटपा) अंतर्गत पुलिस ने अब सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने और तंबाकू व संबंधित सामग्री की बिक्री करने को लेकर कार्रवाई का डंडा चलाया है। सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम इस काम में जुटी हुई है। विद्यालय, सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों के आसपास धूम्रपान को प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसलिए यहां पर धूम्रपान सहित अन्य नशा नही किया जा सकता, और न ही इस प्रकार के सामानों की बिक्री की जा सकती। कोतवाली पुलिस ने इस आशय के पंपलेट, पोस्टर सार्वजनिक किए हैं। खास तौर पर शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू और अन्य ऐसे उत्पाद की बिक्री करने वाले लोगों पर जुर्माना की कार्रवाई की गई और उन्हें साफ पर चेतावनी दी गई कि ऐसे काम को तुरंत बंद करें। दोबारा ऐसी गतिविधि संचालित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभियान के अंतर्गत पुलिस इस बात को प्रचारित भी कर रही है कि नशे से लाभ कुछ नहीं है बल्कि जो व्यक्ति इस के शिकंजे में है, कुल मिलाकर बस अपना जीवन खराब कर रहा है और परिजनों की परेशानी बढ़ा रहा है।
शिक्षण संस्थान मैं भी जागरूकता
पुलिस के द्वारा अभियान के अंतर्गत थाना क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में पहुंचकर इस अभियान की जानकारी दी जा रही है। गुरुजनों से आग्रह किया गया है कि वे इस प्रकार का वातावरण निर्मित करें जिससे विद्या अध्ययन के लिए आने वाला शिक्षार्थी वर्ग हर तरह के नशे से बिल्कुल दूर रहें। पूरा फोकस इस बात पर किया जा रहा है कि हमारे जीवन को शिक्षा सही दिशा देगी दूसरी चीज नहीं इसलिए उनसे दूरी बनाना अत्यंत आवश्यक है।
मिथक तोड़ा जा रहा है
कम उम्र के विद्यार्थी नशे की जद में आ रहे हैं और इसे लेकर उनके मन में कई प्रकार की भ्रांतियां बनी हुई हैं। वे सोचते हैं कि नशा करने से स्मार्टनेस बढ़ जाती है और वे दूसरों की तुलना में काफी स्मार्ट हो जाते हैं। उनकी एकाग्रता भी बढ़ जाती है। लेकिन यह सिर्फ झूठ है। सच्चाई यह है कि नशा व्यक्ति के नाश का कारण बनता है। एक स्थिति ऐसी आती है जब नशा करने वाले का हर कहीं से बहिष्कार होता है।
आज सिटी कोतवाली के अम्बेडकर चौक,मुख्य रोड,बसस्टेंड,तथा अन्य मुख्य मार्गों के ठेलों में सिगरेट पिलाने वाले ,पीने वालो पर कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही कर जुर्माना वसूल कर व्यापक जागरूकता फैलाई जा रही है !