छत्तीसगढ़बिलासपुर

स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाते ही स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई, परेशान होते रहे मरीज

बिलासपुर। CG NEWS : स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल के चलते सिम्स,जिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य केंद्रों की स्वास्थ्य पूरी तरह चरमरा गई है। इसका असर ओपीडी,ब्लड बैंक, लेबर ओटी, कैजुअल्टी , जांच लैब, ऑपरेशन थियेटर, एमआरआई,सिटी स्कैन,एक्सरे व सोनोग्राफी तक नजर आने लगा है।अनुभवी कर्मचारियों के आभाव में सुबह से शाम तक मरीज बेहतर परामर्श के लिए भटकते व परेशान होते रहे।

विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन तेज करते हुए मंगलवार 4 जुलाई से प्रदेश स्तर पर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद सिम्स, जिला अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों की स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से चरमरा गई है। मंगलवार की सुबह से सिम्स व जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज अपना उपचार कराने तो जरूर पहुंचे लेकिन कर्मचारियों के आभाव में कइयों का उपचार और मशीनरी उपकरणों से जांच जरूर प्रभावित हुआ। सिम्स में सुबह से देर दोपहर तक सामान्य से लेकर गंभीर स्थिति के मरीज पहुंचते रहे लेकिन उन्हें कैजुअल्टी या फिर ओपीडी तक ले जाने वाला कोई नही था। ऐसे स्थिति में कइयों ने निजी अस्पतालों की ओर रूख कर लिया तो कुछ परिजनों ने मजबूरी में खुद ही स्ट्रेचर व व्हील चेयर लेकर अपने मरीजों को कैजुअल्टी और ओपीडी तक ले जाते हुए नजर आए।

सिम्स में लम्बे समय से अंगद की तरह जमे दलालों की भी चांदी हो गयी जो अस्पताल की खामियों को बताकर मरीजो को बरगला कर उन्हें निजी अस्पताल भेजने में जरा भी देर नहीं किये। हमारे कैमरे में कैद तस्वीर को आप खुद देख सकते है किस तरह से सिम्स व जिला अस्पताल में मरीज एमआरआई, सिटी स्कैन, एक्सरे, सोनोग्राफी और अपना ब्लड टेस्ट कराने के लिए भीड़ में एकत्र है। जहां ट्रेनी नर्सें आपातकालीन सेवाएं देते नजर आयी। जानकारी मिली कि धीरे धीरे सभी का परामर्श व जांच किया जा रहा है लेकिन अनुभवी के हड़ताल पर चले जाने से जांच रिपोर्ट तैयार करने में परेशानी जरूर होगी। कई स्टाफ तो ऐसे भी थे जो स्थिति काबू करना छोड़कर उल्टे मरीजों और उनके परिजनों पर ही अपना गुस्सा उतार रहे थे। इन तमाम विषयों पर जब सिम्स के अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिम्स के 165 से अधिक कर्मचारियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्था जरूर चरमराई है।बावजूद इसके वे अपने स्तर पर मरीजों का जांच व इलाज कर रहे है। उन्होंने खुद कहा कि वे आगामी दिनों के लिए प्रशासनिक अफसरों से चर्चा कर आपातकालीन स्थिति के लिए कर्मचारियों की तैनाती करेंगे। ताकि किसी मरीज को बगैर अपना परामर्श कराए सिम्स से वापस नही लौटना पड़े।

बहरहाल जरूरत है शासन प्रशासन को जल्द से जल्द चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं की ओर विशेस ध्यान देने की।अन्यथा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से इतना देर भी ना हो जाये कि मरीज शासकीय संस्थानों से रुख मोड़ लें और सिम्स,जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में ताला जड़ जाए।

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