छत्तीसगढ़

जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए राम नाम ही एक मात्र सहारा :- पंडित प्रेमशंकर चौबे

सुख हो या दुख हम भगवान को जाते है भूल, दुखो के लिए उन्हे दोष देना उचित नही

भटगांव :- नगर भटगांव के पूर्व पार्षद रामलाल साहू के यहा संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने शिव पार्वती विवाह एवं शिव चरित्र का वर्णन किया। जहां कथा वाचक नवागांव बाराद्वार से आये पंडित प्रेमशंकर चौबे ने राम नाम स्मरण का महत्व समझाते हुए शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। सुंदर सुंदर भजन शिव को ब्याहने चले, भोले की बारात चली सहित अन्य पर श्रध्दालूओ ने आनंद लिया व शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए। वही कथा वाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने बताया कि जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए राम नाम ही एक मात्र सहारा है। वर्तमान दौर मे ऐसा कोई मनुष्य नही है जो दुखी न हो। लेकिन इसका मतलब यह नही होता कि हम भगवान का स्मरण करना छोड़ दे। जीवन मे उतार चढ़ाव आते रहेंगे। राम नाम का स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। लेकिन अमूमन सुख हो या दुख हम भगवान को भूल जाते है।

दुखो के लिए उन्हे दोष देना उचित नही है। हाथ की रेखा देखकर बोला वो नारद जोगी मतवाला जिससे तेरा ब्याह रचेगा वो होगा डमरू वाला भाजन के साथ शिव पार्वती विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। महाराज का कहना था कि नारद मुनि भगवान शिव एवं पार्वती विवाह का रिश्ता लेकर आए थे। उनकी माता इसके खिलाफ थी उनका मानना था कि शिव का कोई ठोर ठिकाना नही है। ऐसे पति के साथ पार्वती का रिश्ता निभना संभव नही है। उन्होने इसका विरोध भी किया। लेकिन माता पार्वती का कहना था कि वे भगवान शिव को पति रूप मे स्वीकार कर चुकी है तथा उसके साथ ही जीवन जीना चाहेगी। इसके बाद दोनो का विवाह हो सका। इस दौरान शिव पार्वती की विशेष झांकी भी निकाला गया।

इस दौरान भगवान शिव और पार्वती की विवाह की रोचक और प्रासंगिक कथा को श्रोताओ के समक्ष रखा, जिसे सुनकर श्रोता आनंदित हो गए और शिव विवाह के अनेक रोचक प्रसंगों पर क ई बार श्रोताओं के चेहरे पर एक अलग सी चमक देखने को मिली। वही कथा वाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने आगे कहा कि व्यक्ति को समय रहते भजन मे लग जाना चाहिए क्योकि जीवन का कोई पता नही, जीवन की क्षणभंगुरता इस बात की पर्याय है कि भजन करने का जो समय मिले वही उचित है क्योंकि बुढ़ापे मे भजन नही हो पाते। वही राम कथा सुनने के लिए जिला सहकारी बैंक मे आये हुए किसान भाई भी राम कथा का रसपान कर रहे है। जहा राम कथा सुनने के लिए हजारो लोगो की भीड़ रोज पहुंच रहे है। और कथा समापन होने के बाद श्रध्दालुओं को प्रसाद वितरण भी किया जा रहा है।

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