छत्तीसगढ़बिलासपुर

खाद्य मंत्री का PA बताकर 11 लाख की ठगी:आरोपी बोला- व्यापमं के अफसरों से है पहचान, पैसे देने पर बनवा दूंगा मंडी इंस्पेक्टर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का PA बनकर पूर्व सैनिक से 11 लाख रुपए की वसूली करने का मामला सामने आया है। दरअसल, ठग गिरोह में एक पूर्व सैनिक भी है, जो पूर्व सैनिकों को अपने चाचा का परिचय मंत्री का PA बताया और व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अफसरों को बोल कर पूर्व सैनिक को मंडी इंस्पेक्टर की नौकरी लगाने का झांसा देकर पैसे ले लिए। अब न तो नौकरी लगी और न ही ठग ने पैसा वापस किया। ऐसे में पीड़ित ने केस दर्ज कराया है। पुलिस इस गिरोह की तलाश में जुट गई है। पूरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

पुलिस के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले के जैजेपुर क्षेत्र के ग्राम खजुरानी निवासी जगदीश प्रसाद चंद्रा (39) पूर्व सैनिक हैं। वर्तमान में वे सरकंडा क्षेत्र के राजकिशोर नगर में रहते हैं। उनका पूर्व सैनिकों के संगठन में आना-जाना है। इसके कारण उनकी पहचान बिल्हा क्षेत्र के बरतोरी में रहने वाले पूर्व सैनिक विजय कुमार कौशिक से है और पारिवारिक संबंध रहा है। विजय ने ही उनकी मुलाकात अपने गांव के निवासी चाचा योगेश सन्नाड्य से कराई, जो रायपुर के तेलीबांधा में रहता है और काम करता है।

खुद को बताया खाद्य मंत्री भगत का PA
योगेश ने अपने आपको खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का PA बताया। बातचीत के दौरान उसने व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अफसरों से पहचान होने और उन्हें बोलकर पूर्व सैनिक को मंडी इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी लगवाने का दावा किया। पूर्व सैनिक जगदीश उसकी बातों में आ गए और नौकरी के नाम पर पैसे देने के लिए तैयार हो गए। मंत्री के कथित PA ने 15 लाख रुपए की मांग की, तब पूर्व सैनिक ने 11 लाख रुपए अलग-अलग माध्यम से दिए। बाकी के पैसे नौकरी लगने के बाद देने की बात कही।

गिरोह के सदस्य के खाते में जमा कराया रकम
पूर्व सैनिक ने पुलिस को बताया कि योगेश सनाड्य के साथ गरियाबंद जिले के लचकेरा निवासी छोटूराम यादव भी रायपुर के तेलीबांधा में रहता है। योगेश ने उसके खाते में मंगवाया था। उन्होंने अलग-अलग किश्तों में पैसे दिए। लेकिन, इसके बाद भी न तो उनको नौकरी मिली और न ही पैसे वापस किया गया। इससे परेशान होकर उन्होंने मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।

पूर्व सैनिकों को बनाते हैं निशाना
पूर्व सैनिक जगदीश ने बताया कि नौकरी के नाम से पैसे देते समय विजय कुमार ने योगेश सन्नाड्य को अपना चाचा बताया। चूंकि, वे विजय के परिचित थे। इसलिए उनके झांसे में आ गए। विजय ने ही उसे मंत्री का PA बताया था। लेकिन, जब नौकरी नहीं मिली और वे परेशान हो गए, तब उन्होंने जानकारी जुटाई। तब पता चला कि उनका यह गिरोह है, जिसमें न तो मंत्री का PA है और न ही कोई अफसर। उन्होंने बताया कि इस गिरोह में पूर्व सैनिक विजय कौशिक भी शामिल है, जो इस तरह से पूर्व सैनिकों को नौकरी लगाने के नाम पर अपने गिरोह के सदस्यों से मिलाता है।

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