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रतनपुर में रेप पीड़िता की मां को झूठे केस में जेल भेजने पर BJP ने पार्षद हकीम मोहम्मद को किया सस्पेंड, 7 दिनों का अल्टीमेटम

बिलासपुर(रतनपुर)। BJP suspended Councilor Hakim Mohammad : जिले में रेप पीडिता की मां को झूठे केस में जेल भेजने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने जमकर हंगामा किया था। साथ ही टीआई और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की थी. वही अब रेप पीड़िता की विधवा मां के खिलाफ साजिश के आरोप में भाजपा ने रतनपुर के पार्षद और अल्प संख्यक मोर्चा से जुड़े हकीम मोहम्मद को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही, सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है. भाजपा ने चेतावनी दी है कि सात दिन में स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर प्राथमिक सदस्यता रद्द करने हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा.

क्या है मामला और क्यों मचा था बवाल ?

दरअसल, शनिवार को रेप पीड़िता और हिंदूवादी संगठन के लोग इस केस की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर SP संतोष सिंह से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान SP संतोष सिंह ने कानून के अनुसार कार्रवाई करने की बात कह दी। साथ ही कहा कि दस साल के बच्चे के साथ जो घटना हुई है, उस पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस केस में रेप पीड़िता से कोई लेना देना नहीं है। उनके इस जवाब से असंतुष्ट हिंदूवादी संगठन के लोगों ने प्रदेश भर के लोगों को रतनपुर बुला लिया और थाने का घेराव करके विरोध-प्रदर्शन करने लगे।

पीड़िता की मां को भेजा जेल

पुलिस को दुष्कर्म के आरोपी के परिजनों ने 19 मई को पीड़िता की मां के खिलाफ थाने में शिकायत की। उसी दिन एफआईआर दर्ज हुआ। एफआईआर से पहले ही महिला को गिरफ्तार कर लिया गया था। इतना ही नहीं उसी दिन महिला को जेल भी भेज दिया गया। महिला को अपना पक्ष रखने तक का मौका नहीं दिया गया।

समझौता करने के लिए डराया-धमकाया

रेप पीड़ित लड़की ने बताया, केस दर्ज कराने के बाद से उन्हें डराया-धमकाया गया। इसके साथ ही पैसों की लालच देकर समझौता कराने की कोशिश की गई। लेकिन, हम लोग तैयार नहीं हुए, तब TI के साथ मिलकर मां पर झूठे आरोप लगाकर केस बना दिया गया है। इस मामले में पुलिस और आरोपी के परिवार वाले मिले हुए हैं। हम गरीब हैं, हमारा कोई नहीं है। इसलिए इस तरह से साजिश रची गई है।

भाजपा नेता और पार्षद है करीबी रिश्तेदार

इस पूरे मामले में पता चला है कि रेप पीड़ित युवक का करीबी रिश्तेदार हकीम मोहम्मद भाजपा नेता और पार्षद है। जब रेप का केस दर्ज हुआ, तब भी पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। लेकिन, परिजन दबाव में नहीं आए।

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