
टीचर्स को स्पष्ट नहीं बताया गया है अब कैसे परीक्षा होगी। जिसको लेकर लेकर टीचर्स में असमंजस की स्थिति है। अफसर शिक्षकों से कह रहे हैं कि टीचर ब्लैक बोर्ड पर सवाल लिखेंगे और छात्र अपनी कॉपी में जवाब देंगे। मगर इस फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के वीरेंद्र दुबे ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा शिक्षक ब्लैक पर बोर्ड पर सवाल नहीं लिखेंगे।
इसे अव्यवहारिक फैसला बताते हुए वीरेंद्र दुबे ने कहा- प्रश्न पत्रों में प्रश्न बहुत से है,बहुत से चित्र व डायग्राम भी हैं, जिन्हें ब्लैक बोर्ड में लिखने में दो घंटे लग जाएंगे। सभी प्रश्न पत्रों को राज्य स्तर पर छपाकर स्कूलों में प्रसारित किया जाना चाहिए।
अफसरों को AC कमरों में बैठकर ऐसे गलत निर्णय नहीं लेना चाहिए। वीरेंद्र ने कहा कि कई स्कलों में एक या दो टीचर्स हैं। वो कैसे क्लासेस में जा-जाकर बोर्ड पर सवाल लिखेंगे। कई जगहों पर तो इतना बड़ा बोर्ड ही नहीं है कि सवाल लिखे जाएं।
क्या कार्रवाई होगी, बताएं ! शिक्षक नेता वीरेंद्र दुबे ने कहा कि टीचर्स की छोटी-छोटी गलतियों पर कार्रवाई होती है। शिक्षा विभाग के अफसरों को अब ये देखना होगा कि किसकी चूक की वजह से पर्चे वायरल हो गए। ये कोई छोटी त्रूटि नहीं हैं। अब इसके लिए किसी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, ऐसे अफसरों पर भी उसी तरह कार्रवाई होनी चाहिए जैसे शिक्षकों पर होती है।