
CG NEWS: सोनोग्राफी में लापरवाही का बड़ा मामला: रिपोर्ट में एक बच्चा दिखाया
डिलीवरी में निकले जुड़वां बच्चा — अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल
सक्ती : सक्ती जिले में गलत सोनोग्राफी रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है , एक गर्भवती महिला को सोनोग्राफी सेंटर द्वारा गलत रिपोर्ट दे दी गई , जबकि महिला ने दो बच्चों को जन्म दी है ,जिसके चलते महिला ठीक तरह से अपने आप की केयर नहीं कर पाई बताया जा रहा है कि महिला ने जैजैपुर ब्लॉक के हसौद में संचालित माँ महामाया निजि हॉस्पिटल में सोनोग्राफी कराई थी और जब डभरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलवरी हुई तब दो बच्चों को जन्म दी है जिससे सोनोग्राफी सेंटर पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं ,यहाँ स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के नाम पर सोनोग्राफी का लाइसेंस का है , मगर संचालन कोई और करता है इस तरह से जच्चा बच्चे के जान के साथ में खिलवाड़ हो रहा है और ऐसे लोगों को खुली छूट मिली हुई है।

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है , जहां सोनोग्राफी में गलत रिपोर्ट दे दी गई ,मामला तब उजागर हुआ जब गर्भवती महिला डभरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के लिए गई और वहाँ ट्विंस बच्चे को जन्म दी ,सोनोग्राफी में महिला चिकित्सक डॉ अपेक्षा कोटलांगे का जिक्र है,
और हैरानी की बात है कि जिस महिला चिकित्सक डॉ अपेक्षा कोटलांगे के नाम पर सोनोग्राफी का लाइसेंस की बात कही जा रही है इसकी जानकारी उस चिकित्सक को है या नहीं ये भी एक बड़ा सवाल है क्योंकि वह रायपुर के एक निजी हॉस्पिटल्स में भी सोनोग्राफी का लाइसेंस ली है और वहीं बैठती है बड़ा सवाल ये है कि क्या डॉ अपेक्षा कोटलांगे रायपुर में बैठकर हसौद में सोनोग्राफी का संचालन करती है या उनके नाम पर यहां फर्जीवाड़े करते हुए उनके नाम का प्रयोग कर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर सोनोग्राफी का फर्जी रिपोर्ट दिया जाता था ये एक जांच का विषय है,

और ये जांच के बाद ही स्पष्ट होगी और अब देखने वाली बात होगी कि इस तरह से इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद किस तरह से जांच कर कार्रवाई की जाती है ये देखने वाली बात होगी।
जैजैपुर ब्लॉक के हसौद स्थित मां महामाया अस्पताल में एक गर्भवती महिला की सोनोग्राफी रिपोर्ट में केवल एक बच्चे का उल्लेख किया गया था, जबकि डभरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया।

इस मामले के सामने आने के बाद सोनोग्राफी सेंटर की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि संबंधित सेंटर का लाइसेंस एक स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के नाम पर है, जबकि वास्तविक संचालन कोई और व्यक्ति कर रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसी लापरवाही से जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ सकती है और पूरे मामले की स्वास्थ्य विभाग से मांग कर रहे की ऐसे गलत सोनोग्राफी रिपोर्ट देने वाले अस्पताल और इसके संचालक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

नर्सिंग होम एक्ट के तहत यह बेहद ही गंभीर मामला है , एक्ट के तहत इस तरह से सोनोग्राफी सेंटर नहीं खोला जा सकता है , क्योंकि जिस डाँक्टर के नाम संचालित हो रहा है वह इस सेंटर में कभी भी काम नहीं करने आती है ,ऐसे में जांच रिपोर्ट सही नहीं होने की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता ,ऐसे मामले में तत्काल कार्रवाई होना चाहिए , लेकिन गंभीर मामला होने के बाद भी अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं करते हुए हॉस्पिटल में सोनोग्राफी के लिए पहुंचने वाले मरीज के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।इस तरह से अगर सक्ती जिले के जितने भी सोनोग्राफी सेंटर है सभी की अगर जांच की जाए तो बड़े खुलासे हो सकते हैं , जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों में लाइसेंस किसी डाँक्टर के नाम पर लेकर बिना गाइनेकोलॉजिस्ट , बिना अनुभव के ही सोनोग्राफी खुले आम चल रहे हैं







