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CG NEWS : भुइयां ऐप हैकिंग से 765 एकड़ सरकारी जमीन हड़पी गई : दुर्ग में बड़ा फर्जीवाड़ा, पटवारी ID से खेला गया करोड़ों का खेल, बैंक तक पहुंचा घोटाला

CG NEWS : भुइयां ऐप हैकिंग से 765 एकड़ सरकारी जमीन हड़पी गई : दुर्ग में बड़ा फर्जीवाड़ा, पटवारी ID से खेला गया करोड़ों का खेल, बैंक तक पहुंचा घोटाला

दुर्ग, छत्तीसगढ़। CG NEWS: जमीन घोटालों के लिए बदनाम भू-माफिया गिरोह ने इस बार तकनीक का सहारा लेकर प्रशासन को चकमा दे दिया। दुर्ग जिले में पटवारियों की भुइयां ऐप की लॉग-इन आईडी हैक कर 765 एकड़ सरकारी और निजी जमीन अलग-अलग लोगों के नाम कर दी गई। यह खेल कोई एक-दो दिन में नहीं, बल्कि पिछले डेढ़ महीने से लगातार चल रहा था।

कैसे खुला राज़?

नंदनी थाना क्षेत्र से जुड़े मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांवों की जमीनों के रिकॉर्ड अचानक बदल गए। खसरा नंबरों में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीनें निजी नामों पर दर्ज कर दी गईं। जब कुछ लोगों ने इन जमीनों को गिरवी रखकर बैंकों से लाखों का लोन निकाल लिया, तभी अधिकारियों को शक हुआ।

कब और किसके नाम हुई जमीनें?

मुरमुंदा में 75 हेक्टेयर सरकारी और 22 हेक्टेयर निजी जमीन अछोटी में 45.304 हेक्टेयर सरकारी और 27.087 हेक्टेयर निजी जमीन

चेटुवा में 87.524 हेक्टेयर सरकारी जमीन

बोरसी में 47.742 हेक्टेयर निजी जमीन

इन जमीनों को दिनूराम यादव, एसराम, शियाकांत वर्मा, हरिशचंद्र निषाद, सुरेंद्र कुमार, जयंत समेत कई लोगों के नाम दर्ज किया गया।

बैंक से निकाला करोड़ों का लोन

फर्जी जमीन मालिकाना हक मिलने के बाद कुछ लोगों ने बैंक से मोटा लोन ले लिया।

25 जून 2025: दिनूराम यादव ने एसबीआई नंदनी टाउनशिप ब्रांच से 46 लाख रुपए का लोन लिया।

2 जुलाई 2025: एक अन्य व्यक्ति ने एसबीआई कुम्हारी ब्रांच से 36 लाख रुपए का लोन निकाल लिया।

जांच और खुलासा मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने जांच शुरू करवाई। भुइयां ऐप की तकनीकी पड़ताल से साफ हुआ कि पाटन पटवारी मनोज नायक और अहिवारा पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी से लॉग-इन कर रिकॉर्ड बदला गया था। दोनों को तुरंत निलंबित कर दिया गया, जबकि 18 पटवारियों का तबादला कर दिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार संभाग आयुक्त ने धारा 115/16 के तहत SDM ने मामला दर्ज कर गड़बड़ी सुधार दी है। साथ ही एनआईसी से आईडी हैकिंग की तकनीकी जानकारी मांगी गई है, ताकि असली हैकर्स तक पहुंचा जा सके।

भू-माफिया का बड़ा सिंडिकेट

जांच में यह भी सामने आया कि यह कोई छोटा-मोटा खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा भू-माफिया सिंडिकेट है। इसके तार रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक फैले हुए हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आईडी हैकिंग किसने की, लेकिन इस गिरोह ने सरकारी तंत्र को ही हथियार बनाकर करोड़ों की जमीन हड़प ली।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा-

“765 एकड़ तो दूर, 765 इंच जमीन की गड़बड़ी भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे कोई भी हो, कठोर कार्रवाई होगी।”

फिलहाल स्थिति 2 पटवारी सस्पेंड 18 पटवारियों का ट्रांसफर जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त लोन लेने वालों की जांच जारी

FIR की प्रक्रिया पर विचार

यह पूरा मामला दिखाता है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल करके जमीन माफिया किस हद तक प्रशासन और बैंकिंग सिस्टम को चकमा दे सकते हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि सरकार और जांच एजेंसियां असली गुनाहगारों तक पहुंचकर कितनी बड़ी कार्रवाई करती हैं।

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