छत्तीसगढ़

ठगी के लिए बना सीए:रिटायर आरडीए अफसर से 89 लाख ठगने वाला गिरफ्तार, मुनाफे का देता था झांसा

फर्जी ट्रेडिंग कंपनी बनाकर लाखों का प्रॉफिट देने का झांसा देने वाले अंतरराज्यीय ठग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजधानी के एक बुजुर्ग रिटायर अफसर से 89 लाख रुपए की ठगी हुई थी। आरोपी ने उन्हें पहले एक-दो बार दोगुना मुनाफा दिया।

इसके बाद करोड़ों का मुनाफा देने का झांसा दिया। फिर रकम लेकर फरार हो गया। आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से कई आधार और पेन कार्ड भी जब्त किए गए हैं।

इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि पोस्ट आफिस रोड बैरन बाजार में रहने वाले रायपुर विकास प्राधिकरण से रिटायर रविशंकर दीक्षित की पहचान उनकी परिचित महिला के माध्यम से दयानिधि पति से हुई। दयानिधि ने खुद को ट्रेडिंग कंपनी में काम करने वाला बताया।

उसका दावा था कि बेहद कम समय में वो दोगुना मुनाफा दिलाता है। दयानिधि ने 2021 में जनवरी से फरवरी तक बुजुर्ग से 5 लाख रुपए लिए और कुछ ही हफ्तों में 2 लाख रुपए का मुनाफा देकर 7 लाख वापस किए। फिर बड़ा मुनाफा देने का वादा करके बुजुर्ग को बताया कि अभी बाजार में तेजी है।

ज्यादा रकम लगाएंगे तो ज्यादा मुनाफा मिलेगा। बुजुर्ग झांसे में आ गए और केवल 3 महीने में ही अलग-अलग किस्तों में 89 लाख रुपए दे दिए। कुछ समय तक जब कोई रकम वापस नहीं हुई तो बुजुर्ग ने दयानिधि से रकम वापस मांगी।

कई बार मांगने के बाद आरोपी ने अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग बैंकों के चेक दे दिए। चेक को जब बैंकों में लगाया गया तो सभी चेक बाउंस हो गए। इसके बाद बुजुर्ग को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उन्होंने इसकी एफआईआर कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी।

ओडिशा में जाकर किराए का मकान लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद वहां से चला गया

पुलिस टीम ने सबसे पहले उसके सभी दस्तावेजों की जांच की। चेक बाउंस होने के पहले ही आरोपी दयानिधि फरार हो गया था। पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली। उसके संपर्कों का पता किया। जांच के दौरान उन सभी बैंक खातों की भी जानकारी ली गई, जिसमें रकम का ट्रांजेक्शन हुआ।

बैंक खातों से किन शहरों में रकम ट्रांसफर की गई, यह भी पता किया गया। पुलिस को चकमा देने के लिए वह अलग-अलग राज्यों में घूम रहा था। रायपुर से फरार होने के बाद वह ओडिशा के बालासोर में किराये के मकान में रह रहा। कुछ समय यहां रहने के बाद वह कोलकाता चला गया। जांच के दौरान ही पुलिस को पता चल गया कि वह कोलकाता में रह रहा है। टीम ने वहां डेरा डाल दिया।

6 करोड़ का फायदा होने का दिखाया फर्जी ई-मेल
बुजुर्ग को झांसे में रखने के लिए दयानिधि पति ने इंटरनेशनल कंपनी के नाम से फर्जी पेमेंट स्लिप और फर्जी ई-मेल भेजकर बुजुर्ग को बताया कि उसे 6 करोड़ का फायदा हुआ है। इसके बाद ही उसने बुजुर्ग से और रकम मांगी। उसने कहा कि जितना रकम लगाएंगे प्रॉफिट उतनी जल्दी बाहर आएगा। बुजुर्ग की यह रकम रिटायर होने के बाद मिली थी। बुजुर्ग की डूबी रकम वापस लाने के लिए आला अफसरों ने इस केस की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया था।

बस कर्मचारियों से कई महीनों में की वसूली
दयानिधि के खिलाफ नागपुर के थाना अंजनी में भी धोखाधड़ी का केस दर्ज है। वहां पर उसने नागपुर बस डिपो में काम करने वाले कर्मचारियों को तगड़ा मुनाफा देने का झांसा देकर 40 लाख रुपए की ठगी की थी। उसमें मुंबई में भी कुछ लोगों से लाखों की ठगी की थी। उसके पास से आधार और पेन कार्ड भी जब्त हुआ है।

होटलों में रुकता, पुलिस से बचने मोबाइल में नहीं करता था बात
एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि लोगों को ठगने वाला दयानिधि काफी शातिर था। पुलिस से बचने के लिए वो कहीं भी स्थायी तौर पर नहीं रहता था। कोलकाता, ओडिशा और मुंबई में वो महंगे होटलों में रुकता था। पुलिस को चकमा देने के लिए मोबाइल का भी उपयोग नहीं करता था।

जिससे उसकी लोकेशन का पता करना बेहद मुश्किल काम था। पुलिस को जब पता चला कि कोलकाता में रुका है। तो कई जगहों पर दबिश दी गई। पुलिस की टीम चार दिनों तक होटलों के रजिस्टर चेक करती रही। तब एक होटल में उसके होने की जानकारी मिली। वहां घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया ताकि वो फरार न हो सके। आरोपी कई जगहों पर खुद को सीए भी बताता था। ट्रेडिंग कंपनी का जानकार होने के साथ ही दावा करता था कि वो लाखों का मुनाफा कुछ दिनों करवा देगा। इसलिए लोग उसके झांसे में आ जाते थे।

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