बौद्ध समाज के सम्मेलन में महापौर के सामने गौरी-गणेश की पूजा नहीं करने कहा, FIR की मांग

राजनांदगांव जिले में 7 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन विवादों के घेरे में आ गया है। इस सम्मेलन में बौद्ध समाज के पदाधिकारी लोगों को शपथ दिलाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की बात की गई है। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, और बुधवार को हिंदू संगठनों ने FIR दर्ज करने के लिए कलेक्टर, एसपी को ज्ञापन सौंपा है।
सम्मेलन में कहा जा रहा था कि ”मैं गौरी, गणपति और हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूंगा, और न ही उनकी कभी पूजा करूंगा।मैं इस बात पर भी कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।” इस सम्मेलन का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
ये सम्मेलन शिवनाथ नदी तट पर मोहारा ऑक्सीजोन में आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेशभर से बौद्ध धर्मावलंबी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल हुए थे। भंवरमरा में आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध समाज के सम्मेलन में कांग्रेस के नेता विवादों में आ गए।
इस बौद्ध सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, नगर निगम महापौर हेमा देशमुख, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल थे। हालांकि शपथ लेने के दौरान मंच पर कांग्रेस नेता ही खड़े थे। डॉक्टर रमन सिंह और मधुसूदन यादव यहां से निकल गए थे। विवाद बढ़ने पर महापौर हेमा देशमुख की सफाई भी सोशल मीडिया पर आ गई है। उन्होंने कहा कि वे वहां बतौर अतिथि जरूर मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने न तो हाथ उठाया और न ही शपथ ली।
इस पूरे मामले पर राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने निशाना साधते हुए कहा कि, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष पद पर आसीन विवेक वासनिक को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में भगवान जगन्नाथ, राधा-कृष्ण समेत कई प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें पूरी संस्कारधानी पूजती है। ऐसे में ये शपथ दिलाकर यहां के सौहार्द्रपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई है। शांत सरोवर में पत्थर फेंकने और जहर घोलने वालों से लोगों को सावधान रहना होगा
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग सरल, सहज और भोलेभाले हैं, लेकिन यहां के ताने-बाने को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है। सामाजिक और धार्मिक आधार पर जो नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है, वो माफी के लायक नहीं है। किसी को भी किसी के देवी-देवताओं को अपमानित करने की इजाजत नहीं है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
इधर इस सम्मेलन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप अपने चरम पर है। वहीं विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सर्व यादव समाज और छत्तीसगढ़ राजपूत महासभा ने आज SP और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर FIR दर्ज करने की मांग की है। हिन्दू संगठनों ने वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह का कहना है कि हिंदू-देवी देवताओं का अपमान नहीं सहा जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध खुद क्षत्रिय थे, और उनका काम था बन्धुत्व फैलाना। बंधुत्व फैलाना छोड़कर हिंदू देवताओं के बारे में गलत बयान करना उनका धर्म भी नहीं सिखाता है। ऐसे लोगों की मैं कड़ी निंदा करता हूं।
महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि, बौद्ध समाज राज्य स्तरीय सम्मेलन में बाबा साहब के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी आए हुए थे। कार्यक्रम के दौरान संविधान के बारे में चर्चा हो रही थी। मैं भी वहां अतिथि थी, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी वहां मौजूद थे। कार्यक्रम के बीच में शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो मुझे लगा कि यह संविधान की शपथ है। मुझे नहीं पता था कि, यह भगवान के बारे में शपथ है। जब उन्होंने भगवान के बारे में शपथ लेने के लिए कहा, तो मैंने इनकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया।
शपथ की प्रक्रिया 15 सेकंड तक चली, जिसके बाद मैं मंच छोड़कर चली गई, क्योंकि वह बौद्ध समाज का कार्यक्रम था, जहां उनकी विचारधारा के लोग थे, लेकिन मैं सनातन धर्म में विश्वास रखती हूं और हिंदू धर्म को ही मानती हूं।
प्रदेश सलाहकार वैष्णव समाज देव कुमार निर्वाणी ने कहा कि सभी वैष्णव राजा भगवान राम, कृष्ण, हनुमान एवं सभी हिन्दू देवी-देवताओं को मानने वाले सनातनी राजा थे। अगर बौद्ध समाज द्वारा सनातनी धर्म विचारों को मानने में विरोध है, तो महंत राजा बलराम दास की महारानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा से बौद्ध धर्म के प्रचारक विवेक वासनिक को खुद पद त्याग कर देना चाहिए, नहीं तो वैष्णव समाज वासनिक को राजगामी संपदा से पदमुक्त करने के लिए बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।