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राज्य सरकार विशेष सत्र के संशोधन विधेयक पारित होने के बाद, 9वीं अनुसूची में शामिल करने लोकसभा भेजेगी

हरेन्द्र बघेल रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार एक व दो दिसंबर को आरक्षण में संशोधन विधेयक पेश करेगी। संशोधन के प्रारूप की मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक चल रही है। खबर है कि राज्य सरकार विशेष सत्र के संशोधन विधेयक पारित होने के बाद 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लोकसभा भेजेगी। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। 9वीं अनुसूची में शामिल होने के बाद इसे कोर्ट के चुनौती नहीं दी जा सकेगी। जिन राज्यों में 50% से ज्यादा आरक्षण है, वहां भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई गई है। आरक्षण ऐसा विषय है, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों सहमत होते हैं, इसलिए लोकसभा से पारित होने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।

9वीं अनुसूची में केंद्र और राज्य कानूनों की एक ऐसी सूची है, जिन्हें न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती, वर्तमान में संविधान की 9वीं अनुसूची में कुल 284 कानून शामिल हैं. जिन्हें न्यायिक समीक्षा संरक्षण प्राप्त है। वर्ष 1951 में प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से भारतीय संविधान में शामिल किया गया था। यह पहली बार था, जब संविधान में संशोधन किया गया था।

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