
हरेंद्र बघेल रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के युवाओं द्वारा फर्जी जाति प्रमाण के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरोध में नग्न प्रदर्शन किया। ये युवा विधानसभा सत्र में शामिल होने जा रहे मंत्रियों और नेताओं के काफिले के सामने ही पदर्शन करने लगे।
इस विरोध के बाद प्रदेश की राजनीति भी गर्म हो गई। भाजपा नेता इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने लगे।
अब नग्न प्रदर्शन के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों पर कार्रवाई की समीक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने 20 जुलाई को बैठक बुलाई है।
इस बैठक में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ अबतक क्या कार्रवाई हुई है उसकी समीक्षा होगी। इस संबंध में 16 विभागों के सचिवों को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह ने पत्र लिखा है।
इन विभागों के सचिवों को लिखा पत्र
बैठक के लिए सामान्य प्रशासन विभाग, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, गृह विभाग, उर्जा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, सहकारिता विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव, अपर सचिव और प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है।