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“जल संरक्षण पर वैश्विक समन्वित प्रयास जरूरी: प्रो प्यारेलाल”

“जल संरक्षण पर वैश्विक समन्वित प्रयास जरूरी: प्रो प्यारेलाल”

भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निर्देशित पत्रानुसार श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय,प्रयागराज में 2 जुलाई को ” भारत में जल संरक्षण: क्यों और कैसे?” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विद्वान प्राध्यापक प्रो.प्यारेलाल आदिले प्राचार्य जे.बी.डी. कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि “आज समय आ चुका है जल संरक्षण के लिए एक वैश्विक समन्वित प्रयास करने की, क्योंकि जब तक दुनियां के प्रत्येक व्यक्ति जल संरक्षण के लिए कार्य नहीं करेगा तब तक जल का संरक्षण पूर्णत: संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए जल की उपयोगिता और महत्व के संदर्भ में विद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रमों में जल पर आधारित अध्ययन सामग्री शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आगामी दिनों में जल के महत्व को हमारा भावी पीढ़ी समझ सके और इसके संरक्षण हेतु अपना परम दायित्व कर्तव्य मानते हुए पूर्ण कर सकें।” अपने वक्तव्य में प्रोफेसर आदिले ने आगे कहा कि “प्रत्येक राष्ट्रीय सरकारों को अपने जल संरक्षण कार्यक्रमों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में जन सहभागिता को अनिवार्यत:शामिल किया जाना चाहिए और प्रत्येक जनता को भी सरकार के जल संरक्षण कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए तब कहीं जाकर जल संरक्षण संभव हो सकेगा अन्यथा जल संरक्षण कार्यक्रम कागजों में नारा बनकर ही रह जायेगा।” यह वेबीनार महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कंचन यादव के संरक्षकत्व एवम् मार्गदर्शन तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार गर्ग,समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ. दीप्ति आचार्य एसोसिएट प्राध्यापक एम. एस. विश्वविद्यालय बड़ोदरा के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. हिमांशु यादव वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना तथा आयोजक सचिव द्वैय डॉ.वीरेंद्र सिंह कार्यक्रम अधिकारी रा.से.यो. व डॉ. प्रज्ञा सिंह कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय योजना के संयोजन में सम्पन्न हुआ।इस वेबिनार में लगभग 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।ज्ञातव्य है कि इस वेबीनार द्वारा प्राप्त वैचारिक परिणामों को सुझाव के रूप में जन हित में प्रस्तुत किया जाएगा तथा शोध आलेखों का प्रकाशन किया जाएगा।

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