
योग, प्राणायाम और स्वाध्याय से बढ़ाये- मनोबल
” बीमारी से डरे नहीं बल्कि डटकर लड़े” – रुखमणि साहू
दीपक कुमार वर्मा/प्रज्ञा 24 न्यूज़/23 अप्रैल 2021
रायपुर – कोरोना काल के इस विषम परिस्थितियों से लड़ने के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने अंदर धैर्य और साहस बनाऐ रखने की आवश्यकता है। मोटिवेशन करते हुए छत्तीसगढ़ योग शिक्षक महासंघ योग प्रशिक्षिका रुखमणी साहु जो ग्राम भैंसा(घोरभट्टी) विकासखंड आरंग ,रायपुर की निवासी गोल्ड मेडलिस्ट, योग में पी एच डी कर रही सहायक प्राध्यापिका शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद । अपनी भावनाओं को मजबूत बनाऐ रखने की जरूरत है, सभी के अंदर इस महामारी से लड़ने की अपार शक्ति है, अपने अंदर छुपी उन शक्तियों को जगाने की आवश्यकता है, जो की योग, प्राणायाम, और अपने धार्मिक ग्रंथो के अनुसरण से ही संभव है। जिससे हमे मानसिक संतुलन तथा हमारी भावनाओ को मजबूती मिलती हैं, और हम बहुत ही आसानी से विषम परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त कर पाते है।
आज हम योग के एक ऐसे आसन से आपको परिचित कराते हैं
जिससे न केवल हमारे बाह्य अंग मजबूत बनेंगे बल्कि आंतरिक अंगो को भी सुदृण बनायेगी, जिसका नाम है धनुरासन , इसका नाम धनुरासन इसलिए पड़ा क्योंकि आसन की इस अवस्था मे संपूर्ण शरीर धनुष के आकर का दिखाई पड़ता है । इस आसन मे वक्ष का विस्तार होता है जिससे हमारे फेफड़ों में आक्सीजन की अधिक मात्रा अवशोषित होती हैं, और संपूर्ण शरीर को ऊर्जा की अधिक मात्रा प्राप्त होती हैं जिससे हमारे बॉडी मे आक्सीजन की कमी नही होती और फेफड़े मजबूत बनते हैं।
विधि- पेट के बल लेट जाए,और दोनो पैरो को घुटने से मोड़ते हुए ऊपर की ओर उठाये,और दोनो हाथो से दोनो पैरो के टखने को पकड़ कर सांस भरते हुए उपर की ओर उठाये, इस स्थिति मे गर्दन उपर की ओर और सांस अंदर रोकर कुछ पल रुक जाए, फिर धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए वापस आये,इस अभ्यास को 3 बार दोहराए। उक्त जानकारी योग शिक्षक महासंघ प्रदेश मिडिया प्रभारी दीपक कुमार वर्मा ने बताया।
लाभ- इस आसन के अभ्यास से अस्थमा, निमोमिया, ब्रोंकाइटिस आदि फेफड़ों से संबंधित संस्याओ से निजात मिलती है, रीढ की हड्डी मजबूत बनती हैं, पेट से संबंधी समस्याओं से निजात मिलती हैं।