छत्तीसगढ़राजनांदगॉव

कबाड़ सामान बेचने को लेकर हुआ विवाद, महिलाओं ने काम बंद कर किया धरना प्रदर्शन

राजनांदगांव। शहर के इंदिरा नगर एसएलआरएम सेंटर में कबाड़ सामान बेचने और सेंटर सुपरवाइजर का स्थानांतरण करने के मामले में यहां कार्यरत महिलाएं आक्रोशित नजर आ रही है और आज सुबह से ही काम बंद रख, उन्होंने अपने सेंटर के सामने धरना प्रदर्शन किया। राजनांदगांव शहर के कचरा संग्रहण केंद्र इंदिरा नगर में कार्यरत महिलाओं ने आज सुबह डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन बंद कर सेंटर सुपरवाइजर के स्थानांतरण किए जाने का विरोध किया, वहीं उन्होंने यहां का कबाड़ समान मनीष शुक्ला को नहीं बेचने की बात कही। एसएलआरएम सेंटर में कार्यरत महिलाओं ने कहा कि हमारी सेंटर सुपरवाइजर संगीता साहू का स्थानांतरण किया गया है, जो गलत है। वहीं उन्होंने कहा कि हम कबाड़ सामान उसे ही बेचेंगे जो ज्यादा पैसा देगा। महिलाओं ने कहा कि हम कबाड़ का सामान मनीष साहू को नहीं बल्कि गोलू धनकर को बेचना चाहते हैं।

एसएलआरएम सेंटर से निकलने वाले कबाड़ सामान्य में कटामारी की शिकायत महिलाओं ने स्थानीय पार्षद चम्पू गुप्ता को कि इसके बाद चंपू गुप्ता भी मौके पर पहुंचे और महिलाओं के द्वारा की जा रही शिकायत को लेकर उन्होंने कहा कि इस सेंटर में सभी महिलाएं मिलजुल कर काम करती हैं। ऐसे में सेंटर सुपरवाइजर का स्थानांतरण किया जाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कबाड़ सामान लेने वाला मनीष शुक्ला तौल में कांटा मारी करता है। वहीं उन्होंने मनीष शुक्ला के द्वारा महिलाओं से अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया।

मुख्य तौर पर कबाड़ सामान बेचने और सेंटर सुपरवाइजर के स्थानांतरण को लेकर उपजे विवाद में महिलाओं ने अपने अनुसार कबाड़ सामान बेचने की बात कही है। वहीं इस कचरा संग्रहण केंद्र से कबाड़ सामान खरीदने वाले मनीष शुक्ला का कहना है कि उनका अनुबंध नगर निगम के साथ हुआ है, जो रेट तय किया जाता है उसके अनुसार कबाड़ का सामान लिया जाता है। उन्होंने कहा कि तौल में कटामारी किए जाने का आरोप बेबुनियाद है। सेंटर की महिलाएं पहले ही किसी अन्य कबाड़ी को आधा कबाड़ बेच देती है, जिसकी वजह से उन्हें कम पैसा मिलता है।

इंदिरा नगर एसएलआरएम सेंटर में 17 कर्मचारी कार्यरत है जो 4 वार्ड का कचरा संग्रहण करती है। यहां और कर्मचारियों की आवश्यकता है, जिसके लिए स्थानी पार्षद द्वारा कई बार कहा गया है, लेकिन अब तक अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। वहीं 4 वार्डों से निकलने वाले कबाड़ से प्रतिमाह लगभग 40-45 हजार रूपये की आमदनी होती है, इसी कबाड़ के सामान बेचने को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

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