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विवेकानंद साहित्य में चरित्र निर्माण की प्रेरणा सर्वत्र मिलती है – रचना जानी

विवेकानंद साहित्य में चरित्र निर्माण की प्रेरणा सर्वत्र मिलती है – रचना जानी

जांजगीर – चाम्पा : “विवेकानंद साहित्य में चरित्र निर्माण की प्रेरणा सर्वत्र मिलती है। चरित्र निर्माण के लिए स्वामी विवेकानंद के साहित्य का अध्ययन करना होगा। उनके साहित्य में सर्वत्र जोश, उत्साह, प्रेरणा, आत्मबल, सृजनात्मकता के दर्शन होते हैं। कॉलेज और हाई स्कूल स्तर के विद्यार्थियों के लिए संस्थाओं में विवेकानंद स्टडी सर्कल की स्थापना कारगर कदम होगा।” उक्त उद्गार रचना जानी दीदी मध्यप्रान्त संगठक (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़) विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी ने 19 मार्च को सरस्वती शिशु मंदिर चाम्पा में आयोजित नगरस्थान जांजगीर-चाम्पा स्तरीय कार्यकर्ता बैठक में मुख्य वक्ता की आसंदी से व्यक्त किया। डॉ उल्हास व्ही वारे छत्तीसगढ़ विभाग प्रमुख ने अपने उद्बोधन में कहा कि विवेकानंद केंद्र की कार्य पद्धति संस्कार वर्ग, योग वर्ग, स्वाध्याय वर्ग और केंद्र वर्ग के माध्यम से युवाओं में चरित्र निर्माण एवं सकारात्मक सोच के विकास होता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों के बल पर ही राष्ट्र का पुनरुत्थान संभव है, हम अपने महत्वपूर्ण समय में से सप्ताह में 1 घंटे का समय निकालकर समुदाय के बीच इन गतिविधियों का आयोजन करें और राष्ट्र के विकास में सहभागी बनें। धन्य कुमार पांडे ने कहा कि विवेकानंद स्टडी सर्कल की स्थापना हाईस्कूल स्तर के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। साहित्य की उपलब्धता एवं संचालन की पद्धति के प्रशिक्षण पर इसकी सफलता निर्भर करेगी। उन्होंने स्वयं की देखरेख में बम्हनीडीह विकासखंड में पाँच स्टडी सर्कल संचालन की इच्छा जाहिर की। डॉ कमलेश पांडे ने नवागढ़ में दो महाविद्यालय में विवेकानंद स्टडी सर्कल स्थापित कर संचालन की जवाबदारी लेने की इच्छा जाहिर की।

बुद्धेश्वर प्रसाद पटेल, पातंजल कुमार यादव, सुभाष चंद्रा ने स्कूलों में विवेकानन्द जी के प्रेरक वाक्यों का वाचन प्रतियोगिता के आयोजन पर बल दिया। नेताजी भाई राठौर, सुशील कुमार, राम नारायण यादव ने चर्चा में सहभागी बनते हुए समन्वित स्वर में कहा कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए संस्कार केंद्र की स्थापना की जाए एवं सप्ताह में कम से कम 1 घंटे नियमित रूप से अंशदान कर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में सहयोग किया जाए। अजय पटेल ने बताया की सुदूर बस्तर क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र, उनके द्वारा बताए गए प्रेरक वाक्य, निबंध प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से निर्माण हेतु विद्यार्थियों के बीच कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जिसमें सतत निरंतरता एवं विस्तार की आवश्यकता है। कमल देवांगन, हरीश देवांगन, शिवनारायण यादव, बिहारी देवांगन, टेक राम देवांगन, धीरज पटेल, अभिषेक देवांगन, लालकृष्ण पटेल, वृंदा सिंह, चंद्रशेखर देवांगन ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता का निश्चय लिया एवं राष्ट्र निर्माण हेतु कुछ समय निकालकर योगदान देने की बात कही।

बैठक की शुरुआत में संयोजक शिवदयाल पटेल ने तीन ओमकार प्रार्थना और “ओम सहनाववतु” मंत्र से कार्यक्रम की शुरुवात की। तत्पश्चात सभी कार्यकर्ताओं का परिचय प्राप्त किया गया। सहसंयोजक नंदकुमार चंद्रा के शान्तिमन्त्र ” ओम सर्वे भवन्तु सुखिनः” और रचना दीदी द्वारा कराया गया केंद्र प्रार्थना ” जय जय परमात्मन संस्मरामो वयं त्वाम” को प्रतिभागियों द्वारा दुहराने के साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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