हथनेवरा केंद्र में पटेल समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई शाकँभरी जयंती एवं छेर छेरा पर्व
हथनेवरा केंद्र में पटेल समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई शाकँभरी जयंती एवं छेर छेरा पर्व
हथनेवरा (चाम्पा) : पौष पुन्नी छेरछेरा त्यौहार के पावन अवसर पर मां शाकम्भरी की जयंती हरदीहा मरार केंद्र हथनेवरा में धूमधाम से मनाई गई । इस अवसर पर केंद्रीय अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद पटेल ने कहा कि मरार समाज शाकम्भरी माता का मानस पुत्र है । माँ द्वारा प्रदत्त शाक सब्जियों के उत्पादन को ही मूल व्यवसाय के रूप में अपनाते हुए सम्पूर्ण समाज की पौष्टिकता और पोषण को ध्यान में रखते हुए समस्त प्रकार के खाद्यान्न, फल-फूल, शाक-सब्जी का उत्पादन करता है । केंद्रीय सचिव राजकुमार पटेल ने कहा कि शाकम्भरी जयंती के अवसर पर समस्त शाकम्भरी परिवार एकजुट रहें एवं उत्पादन के नए टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए एवं अत्याधुनिक कृषि अविष्कारों को अपनाते हुए समाज की आवश्यकता के अनुरूप फसल उत्पादन में ध्यान दें और अधिकाधिक लाभ भी अर्जित करें । शाकम्भरी जयंती के इस पावन बेला पर उपस्थित मरार समाज के सदस्यों द्वारा आगामी सामाजिक, आर्थिक, राजनौतिक और पारिवारिक दशा एवं दिशा पर गहन चिंतन कर उत्तरोत्तर प्रगति के लिए सामाजिक बैठकों के माध्यम से उचित निर्णय लेने पर जोर दिया गया ।
शाकम्भरी जयंती की शुरुआत माँ शाकम्भरी के तैलचित्र पर माल्यार्पण, पुष्प सज़्ज़ा, कलश, दीप प्रज्वलन, शाक-सब्जियों की सज़्ज़ा के साथ ही माँ शाकम्भरी की सामूहिक आरती से हुआ । जिसमें मरार समाज के सभी उम्र के लोगों ने पूजा अर्चना कर पूरे मानव समुदाय के सुखमय जीवन की कामना की । शाकम्भरी जयंती समारोह के इस अवसर पर कोषाध्यक्ष नकछेड़ पटेल, वरिष्ठ नागरिक ठंडाराम पटेल, रघुनंदन पटेल, राधेश्याम पटेल, चित्रभान पटेल, अनंदराम पटेल, बाबूलाल पटेल, पूरन पटेल, आलोक पटेल ने भी अपने विचार रखे । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मरार समाज की आराध्य देवी मां शाकम्भरी के नाम पर शाकम्भरी बोर्ड का गठन एवं उसके अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाना मरार समाज के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है । इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई एवं समाज द्वारा आभार व्यक्त किया गया ।कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ.शिवदयाल पटेल ने मां शाकम्भरी की पौराणिक महत्ता, मान्यता एवं समसामयिक प्रासंगिकता पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्रो.अजय कुमार पटेल ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में धीरज पटेल, श्रद्धा पटेल, निशा पटेल, लालकृष्ण पटेल, माही पटेल का विशेष योगदान रहा ।