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किसानों के लिए अच्छी खबर, पुराने बारदानों की कीमत में इजाफा, अब प्रति बोरा मिलेगा 7 रुपए अधिक…18 रुपये के स्थान पर 25 रुपये तय,

किसानों के लिए अच्छी खबर, पुराने बारदानों की कीमत में इजाफा, अब प्रति बोरा मिलेगा 7 रुपए अधिक…18 रुपये के स्थान पर 25 रुपये तय,

रायपुर : छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए अच्छी खबर है, प्रदेश सरकार ने पुराने बारदानों की कीमत में 7 रुपए की वृद्धि कर दी है। अब धान बेचने के लिए पुराने बारदानों का इस्तेमाल करने वाले किसानों को प्रति बोरा 25 रूपए मिलेगा। अभी तक इसकी कीमत केवल 18 रुपए तय थी।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बुधवार देर शाम पुराने बारदानों के दाम में वृद्धि का आदेश जारी कर दिया। इसके मुताबिक पुराने जूट बारदाने की दर 18 रुपए से बढ़ाकर 25 रुपया प्रति नग कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोपहर को ही बताया था कि सरकार पुराने जूट बारदाने की कीमत बढ़ा रही है, ताकि किसानों को नुकसान न हो। इस पुराने बारदाने का इस्तेमाल धान खरीदी में हो रहा है।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार इस समय बारदाना संकट से जूझ रही है। किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने के लिए सरकार को 5.25 लाख गठान जूट बारदाने की जरूरत है। केंद्रीय जूट आयुक्त से अभी तक 86 हजार गठान बारदाना ही मिल पाया है। ऐसे में सरकार राइस मिलों, पीडीएस दुकानों से पुराना बारदाना ले रही है। किसानों से भी कहा गया है कि वे पहले दिन से पुराने जूट बारदाने में धान ला सकते हैं। सरकार धान के साथ-साथ बारदाने की भी कीमत देगी।

मुख्यमंत्री की बैठक में उठा था मुद्दा…

पिछले साल सरकार ने प्रत्येक जूट बारदाने की कीमत 15 रुपए तय की थी। चार दिन पहले इसकी दर 18 रुपए नग तय हुई। मंगलवार को राइस मिलरों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में इस दर का मुद्दा उठा था। किसान संगठन भी इसपर घाटे की बात कर रहे थे। उसके बाद इसका एक तार्किक दाम तय करने पर सहमति बनी।

अब नहीं होगा किसानों को घाटा, लेकिन खुले बाजार मे बोरे की कीमत अधिक होने से हो सकता है फिर घाटा…

रायपुर के जूट व्यापारियों के मुताबिक खुले बाजार में 50 किलो के पुराने जूट बारदाने की कीमत 25 से 30 रुपयों के बीच है। समितियों में बारदाना नहीं होने की स्थिति में किसान पिछले वर्ष भी खुले बाजार से पुराने बारदाने खरीदकर ले गए थे। आशंका है कि इस साल भी ऐसी नौबत आएगी। अगर सरकारी कीमत 18 रुपए ही रहती तो किसानों को प्रति बोरा 7 से 12 रुपए का घाटा होता।

लेकिन अभी भी किसानों का कहना है  कि मार्केट मे यूरिया प्लास्टिक व धान बोरा 25 से 36 रुपये तक मिल रहे हैं जिसमे 25 रुपये भी बोरा का कीमत सरकार देंगे तो भी 35 रुपये वाले बोरा मे किसान को 10 रुपये प्रति बोरा का घाटा सहना पड़ सकता है।

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