
सड़को को बनाया गौवंशों ने बसेरा, गौवंश सहित आमजन हो रहे दुर्घटना के शिकार
दुर्घटनाग्रस्त मवेशी सालिहाघाट ब्रिज पुल पर ईलाज की लगा रहा है गुहार,
पशु चिकित्सालय के डॉ को सूचित करने के बौजूद नहीं हुआ ईलाज
भटगांव – बिलाईगढ़ क्षेत्र में गौवंश अब सुरक्षित नहीं हैं। उनके लिए समुचित व्यवस्था के साथ जगह नहीं होने के कारण अब सड़क और पुल-पुलिया को ही अपना बसेरा बना लिया है। सड़को पर दौड़ने वाली बड़ी – बड़ी वाहनों की चपेट में आने से वे घायल तो हो ही रहें है साथ ही बाईक सवार भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। घटनाग्रस्त गौवंश को समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण कई दिनों तक बेजुबान सड़क पर ही तड़पते दम तोड़ देते हैं। ऐसे में सरकारी सिस्टम भी लाचार होते दिख रहें हैं। 
वहीँ सलिहा घाट भटगांव के घायल मवेशी के ईलाज के लिए जब भटगांव पशु चिकित्सालय के डॉ ध्रुव को इनकी जानकारी दिया गया तो कहा कि दुर्घटना मवेशी का ईलाज चलित वाहन मे उपस्थित डॉक्टर करेंगे. वहीँ जब 1962 मे 8-10 बार कॉल किया गया तो डॉक्टर या डॉक्टर अधिकारी का मो. न. व्यस्त आया और ईलाज उस दिन ईलाज भी संभव नहीं हो सका. इस प्रकार दुर्घटनाग्रस्त मवेशी सालिहाघाट ब्रिज पुल पर ईलाज की गुहार लगा रहा है लेकिन पशुओ के डॉक्टर भी लापरवाह भी सामने आ रही है.
लोंगों की जुबानों पर भी उन गौ भक्तों के प्रति सवाल उठाते बातें कहीं न कहीं सुनने को मिल ही जायेंगे । जो गायों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं। फिलहाल सड़को और पुलों पर बैठे गौवंशों की सुरक्षा के लिए एक समुचित व्यवस्था की माँग की जा रही हैं। तांकि गौवंशों को सड़क दुर्घटना से बचाया जा सकें। 

बहरहाल अब देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन गौवंशों की सुरक्षा के लिए क्या कुछ पहल करता है।
अब खबर प्रकाशन के बाद शासन प्रशासन मवेशीयो के लिए क्या कोई उचित व्यवस्था करती है कि यू ही बेज़ुबान जानवरो को ऐसे ही रोड एवं ब्रिज मे दुर्घटना के लिए छोड़ दिया जाता है? क्या उस पीड़ित मवेशी की ईलाज सही समय पर हो पायेगी ये तो अब आने वाला समय ही बताएगा.





