सारंगढ़ व बिलाईगढ़ बी.एम.ओ के संशोधित तबादला आदेश को लेकर भड़के कांग्रेस कार्यकर्ता
दोनों डॉक्टर का स्थानांतरण नहीं होने पर जिला एन.एस.यू.आई ने खोला मोर्चा

सारंगढ़ व बिलाईगढ़ बी.एम.ओ के संशोधित तबादला आदेश को लेकर भड़के कांग्रेस कार्यकर्ता
दोनों डॉक्टर का स्थानांतरण नहीं होने पर जिला एन.एस.यू.आई ने खोला मोर्चा
सारंगढ़ बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है । चिकित्सा विभाग द्वारा आदेश जारी किया है। जिसमें सारंगढ़ बिलाईगढ जिले के स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से पदस्थ डाक्टरों के तबादला होने के बाद भी संशोधित आदेश के तहत तबादला रोक दिया गया है। जिसको लेकर एन एस यू आई जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा के निर्देश पर जिले भर में एन.एस. यू. आई कार्यकर्ताओं ने आज बुधवार को एन.एस.यू.आई विधानसभा अध्यक्ष अंकित पटेल के नेतृत्व में कलेक्टरेट में अपर कलेक्टर को,सरिया ब्लॉक अध्यक्ष निखिल डनसेना के नेतृत्व में तहसील कार्यालय सरिया में तहसीलदार को,बरमकेला ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गेश पटेल के नेतृत्व में तहसील कार्यालय बरमकेला में बरमकेला तहसीलदार को एवं सरसींवा ब्लॉक अध्यक्ष प्रियांशु जांगड़े के नेतृत्व में तहसील सरसीवा में सरसींवा तहसीलदार को पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से पदस्थ दो डॉक्टर बीएमओआर एल सिदार और बीएमओ डॉ सुरेश कुमार खूंटे का हाल ही में तबादला क्रमशः पत्थलगांव और कोडागांव किया गया था.
आपको बता दें कि 26 जून 2025 को दोनों डॉक्टर का ट्रांसफर आदेश जारी होता है और 30 जून 2026 को पुनः सारंगढ़ के लिए आदेश जारी होता है. अब आप सोच सकते हैं कि 4 दिन के अंतराल मे दो आदेश एक तबादला का और एक वापसी का. अब इसे प्रशासनिक षड़यंत्र कहें या राजनैतिक ये तो लोगों के समझ से परे हैं.
वहीँ जनता आस लगाए बैठी थी कि सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बिलाईगढ़ को कर्म प्रधान डॉक्टर मिलने जा रहा है। जो कि शासकीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को अच्छे से इलाज व समय की उपलब्धता प्रदान करें। लोगों ने आगे बताया कि ट्रांसफर आदेश के बाद पुनः उन दोनों डॉक्टर का ट्रांसफर आदेश निरस्त करते हुए उन्हें फिर से वहीँ सारंगढ़ मे नियुक्ति कर दी गई है जो समझ से परे हैं. जो एक राजनैतिक षड्यंत्र को दर्शाती है.
वहीँ एनएसयूआई ने बी.एम.ओ आर. एल.सिदार पर आरोप लगाया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ में पदस्थ डॉक्टर सरकारी समय में खुद की निजी क्लीनिक में अपना समय देते हैं जो की पूर्ण रूप से सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के जान से खिलवाड़ है व सरकारी नियमों का उल्लंघन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यहां डॉ आर एल सिदार डॉक्टर विगत 25 वर्षों से ही पदस्थ है।
इनका खुद का निजी अस्पताल भी सारंगढ़ में है। लंबे समय से एक स्थान पर पदस्थ रहने पर दोनों मगरा गए हैं। ऐसा ही हाल डॉ. सुरेश खुटे का है. एन एस यू आई ने दोनों डॉक्टरों का तबादला यहाँ से होने और उनके स्थान पर किसी दूसरे डॉक्टर की नियुक्त की मांग किये हैं अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी दिए है जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।