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राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न*

*राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न*

*कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे की अध्यक्षता में हुई बैठक*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 6 जून 2025/कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। डॉ एफ आर निराला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में विभिन्न विषयों पर चर्चा किया गया। इसमें राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा निर्देश पर समस्त विभागों से चर्चा किया गया। इसके साथ साथ जिले के सभी विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त कर सभी शासकीय भवनों और कार्यालयों को तंबाकू मुक्त करने, जिले के सभी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई आदि को तंबाकू मुक्त घोषित करने, जिले में कोटपा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय प्रवर्तन दल द्वारा नियमित चलानी एक्टिविटी करने, जिले में तंबाकू उत्पाद,पान मसाले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापनों को हटाने हेतु नगरीय निकाय द्वारा कार्यवाही करने, समाज कल्याण विभाग की भारत माता वाहिनी, पंचायत विभाग के बिहान कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग के मितानिन कार्यक्रम, महिला एवं बाल विकास विभाग आदि द्वारा ग्राम स्तर पर महिलाओं में तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्रसारित करने, पुलिस विभाग द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर आयोजित अपराध समीक्षा बैठक के एजेंडा में कोटपा अधिनियम एवं इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिबंध कानून 2019 को शामिल कर समीक्षा करने, कोटपा कार्यक्रम अंतर्गत गठित जिला स्तरीय प्रवर्तन दल प्रत्येक शनिवार के दिन स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं औषधि, पुलिस, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा कोटपा अधिनियम 2003 के उल्लंघन पर जिले में चालाना कार्यवाही में अन्य विभाग से सहयोग करने, विकासखंड स्तर पर गठित विकासखंड स्तरीय समन्वय समिति की नियमित बैठक आयोजित कर कोटपा अधिनियम 2003 के सफल क्रियान्वयन करने सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में एस के टंडन अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डॉ वर्षा बंसल डिप्टी कलेक्टर अशोक मार्बल, अनिकेत साहू, विजेंद्र सिंह ठाकुर, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, विनय तिवारी उप संचालक समाज कल्याण विभाग, डॉ. इन्दु सोनवानी जिला नोडल अधिकारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, सीएमओ राजेश पांडेय सहित अन्य विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

*कोटपा एक्ट का पालन कर दंड से चालानी कार्यवाही से बच सकते हैं व्यवसायी*

छत्तीसगढ़ में हुक्का बार प्रतिबंधित है। इसके साथ ही सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा एक्ट 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना, तम्बाकू के क्रय-विक्रय व सेवन के साथ 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू क्रय-विक्रय एवं सेवन करना वर्जित है। तम्बाकू उत्पाद के विक्रेता और होटल व्यवसायियों को कोटपा एक्ट की धारा-5, 6 और 7 का ज्ञान होना नितांत जरूरी है। साथ ही साथ कोटपा एक्ट की पूरी जानकारी होनी चाहिए और पालन करने वाले जुर्माना से बच सकते हैं। पान दुकान और होटल में लाइटर, माचिस, एसट्रे रखना वर्जित है। पान दुकान और होटल के सामने किस प्रकार का नियमतः विज्ञापन होना चाहिए आदि का विधिवत चस्पा करने से जुर्माना से बच सकते हैं।

*कोटपा एक्ट कानून, धारा और सजा*

कोटपा एक्ट धारा 4 में सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान निषेध उलंघन करने पर 200 रुपए जुर्माना दंड की भुगतान करने से इंकार करने पर हिरासत में लिया जा सकता है।

धारा 5 में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद  के विज्ञापन का निषेध। उलंघन करने पर प्रथम बार उलंघन करने पर 1000 रुपए  या 2 वर्ष की कारावास या दोनो।  द्वितीय बार उलंघन करने पर 5000 रुपए या 5 वर्ष की कारावास।

धारा 6 में कोई भी व्यक्ति सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री ,बिक्री के लिए प्रस्थापना तथा बिक्री की अनुमति नही देगा। इसके दो भाग है। 

धारा 6 में ऐसे व्यक्ति को या उसके द्वारा जिसकी आयु 18 वर्ष कम हो तथा धारा 6 में ऐसे क्षेत्र में  जो किसी  शैक्षणिक संस्थान की 100 गज की परिधि में हो उलंघन करने पर 200 रुपए की दंड। इसका पालन नही करने पर हिरासत में लिया जा सकता है। धारा 7 में सभी तंबाकू उत्पाद की  पैकिंग पर  सचित्र  स्वास्थ्य चेतावनी। पहली बार उलंघन करने पर 5000 रुपए  या 2 वर्ष की कारावास।  दोहराए जाने पर 10000 रुपए या 5 वर्ष की कारावास के प्रावधान है। ये सब दंड निर्माता के उपर होंगे। ऐसे ही कार्यवाही  विक्रेता अथवा वितरक के उपर भी हो सकती है, जिसमे प्रथम बार अपराध करने पर 1000 रुपए या 1 वर्ष के कारावास या दोनो हो सकते है। वही दुहराए जाने पर 3000 अथवा 2 वर्ष की कारावास हो सकता है।

*सार्वजनिक स्थानो में धूम्रपान के नियम*

अधिनियम में सार्वजनिक स्थानों को भी परिभाषित किया है जैसे  प्रेक्षागृह ( ऑडिटोरियम)  मुक्त प्रेक्षागृह, स्टेडियम, स्वास्थ्य संस्थान, कार्य स्थल अस्पताल भवन,  शैक्षणिक संस्थान, पुस्तकालय, मनोरंजन केंद्र, सिनेमा घर, शापिंग माल, रेस्तरां  होटल, जलपान कक्ष, काफी हाउस। रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, हवाई अड्डे, सरकारी कार्यालय, न्यायालय भवन ,सार्वजनिक वाहन, डिस्कोकेथ, पब ,बार इत्यादि। इस नियम में मालिक,स्वामी ,प्रबंधक  पर्यवेक्षक को उपरोक्त व्यवस्थाओं का पालन कराना होगा। भवन के प्रवेश द्वार , अगर एक से अधिक मंजिल हो तो हर मंजिल में कही भी माचिस , एक्ट्रे ,लाइटर, या अन्य वस्तुओं को प्रदाय नही की जाएगी। उपरोक्त सभी व्यवस्थाओं को देखने की जिम्मेदारी मालिक की होगी। उलंघन करने पर मालिक जुर्माना के हकदार होंगे। मालिक चाहे तो स्मोकिंग जोन नियमानुसार बना सकता है। उसे स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा।

*धूम्रपान रहित क्षेत्र बोर्ड*

मालिक को धूम्रपान रहित क्षेत्र की भी बोर्ड लगाना आवश्यक होगी। जिसमे मालिक का नाम और फोन नंबर लिखा रहेगा। बोर्ड की साइज 30×60 की होगी। शैक्षणिक संस्थाओं में तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान लिखना होगा। जिसमे लिखा होगा इस शैक्षणिक संस्थान के 100 गज  के दायरे में  सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री एक दंडनीय अपराध है  जिसका उलंघन करने पर 200 रुपए की जुर्माना हो सकता है। इसमें भी संस्था प्रभारी के नाम पदनाम मोबाइल नंबर लिखा रहेगा। इन सबका एक ही उद्देश है हमे छात्रों को तंबाकू या इसके अलग अलग उत्पादों से दूर रखना है ।

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