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कोचिंग पढ़ाने वाले शासकीय शिक्षकों पर कभी भी गिर सकता है गाज, सरकारी नौकरी मे होने के बौजूद कम पड़ रहे पैसे, मोटी फीस लेकर चला रहे हैं कोचिंग का धंधा,

कोचिंग पढ़ाने वाले शासकीय शिक्षकों पर कभी भी गिर सकता है गाज,

सरकारी नौकरी मे होने के बौजूद कम पड़ रहे पैसे, मोटी फीस लेकर चला रहे हैं कोचिंग का धंधा,

कोचिंग लगा रहे शिक्षकों के खिलाफ होगी जल्द कार्यवाही..भटगांव, बिलाईगढ़ एवं सरसींवा क्षेत्र मे हो सकता हैं बड़ा खुलासा,

फ़ाइल फोटो…

बलौदाबाजार : जिले के नगर पंचायत भटगांव, बिलाईगढ़ एवं सरसींवा क्षेत्र मे शासकीय नौकारियों मे पदस्थ होने के बौजूद मोटी रकम लेकर कोचिंग का धंधा जोरो से चल रहा है. ऐसे ही क्षेत्र मे कई शासकीय शिक्षकों के बारे मे सुचना मिला है जो अपने घरों एवं अन्य कोचिंग संस्थान मे अपने ही विद्यालयों या अन्य विद्यालयों के छात्र छात्राओं को प्रैक्टिकल अंक और अन्य लुभावना देकर मोटी फीस लेकर कोचिंग पढ़ा रहे हैं. जो जिसका खुलासा जल्द ही समाचार के माध्यम से नाम सहित किया जायेगा और उच्च अधिकारियो को अवगत कराते हुए उनके ऊपर कार्यवाही किया जायेगा.

एक तरफ कोरोना के कारण अधिकांश लोग आर्थिक तंगी से सूझ रहे हैं तो वहीं दूसरे तरफ इन 2 वर्षो मे पढ़ाई ठप होने से इसका लाभ कई शासकीय शिक्षक उठा रहे हैं. जबकि चाहें तो वे सभी बच्चों को निःशुल्क या कम फीस लेकर कोचिंग दे सकते हैं या अपने स्कूल मे अतिरिक्त क्लास लेकर अधूरे चैप्टर को पूरा कर सकते हैं. लेकिन यहाँ तो माजरा ही कुछ और है. पैसों की कमाई ने आज लोगों को अंधा कर दिया है, कैसे भी करके उन्हें पैसे चाहिए, जहां उसके कोचिंग मे बच्चों से मोटी रकम लेकर एक विषय का 400-500 रुपये लेकर भौतिक, रसायन एवं गणित का कोचिंग दे रहे हैं यदि वहीं मेहनत शिक्षक अपने विद्यालय मे करते तो आज किसी भी विद्यार्थियों को किसी भी विषय की कोचिंग करने की जरूरत नहीं पड़ता।

सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन पढ़ाकर मोटी कमाई कर रहे हैंं, जबकि शिक्षा विभाग ने इस पर सख्ती से रोक लगाई हुई है। बीते साल डीईओ ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई के लिए टीम गठित की थी, लेकिन इस साल प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन में व्यस्त हैं।

क्षेत्र में ही इन दिनों ट्यूशन और कोचिंग का व्यवसाय धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। अभिभावकों का कहना कि विद्यालयों के शिक्षक ट्यूशन में पढ़ाने के बाद शालाओं में अध्यापन कार्य में रूचि नहीं लेते और केवल टाइम पास करते हैं।

ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक विद्यार्थियों से महीने में खासी कमाई कर रहे हैं। वहीं शासकीय शालाओं के शिक्षक भी धड़ल्ले से ट्यूशन व कोचिंग पढ़ा रहे हैं, उन्हें भी विभागीय आदेश का खौफ नहीं रह गया है। लेकिन इस बार शासन प्रशासन द्वारा ऐसे शासकीय शिक्षकों को बक्सा नहीं जायेगा।

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