समयानुसार प्रत्येक कार्य को करें—- भाई श्यामसुंदर पटेल

समयानुसार प्रत्येक कार्य को करें—- भाई श्यामसुंदर पटेल
हम लोगों का प्रत्यक्ष हितकारी माता-पिता हैं, इसलिए उनकी देखभाल में अनदेखा न करें —–भाई श्यामसुंदर पटेल
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बिलाईगढ——-अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ से लगे हुए ग्राम गोविंदबन में ग्रामवासियों के द्वारा विश्वमंगल हेतु एकदिवसीय संगीतमयी राम-राम भजन एवं राम कथा का आयोजन आने वाले रामनवमी के उपलक्ष्य में किया गया। जिसमें ग्राम खुरसुला से शिवराम डडसेना रामनारायण डड़सेना, रिकोटार से जयराम जायसवाल रामसेवक साहू देवनारायण साहू, पुरगांव से सीताराम डडसेना सेवानिवृत्त गुरुजी, धाराशीव से लीलाराम पटेल, पचरी से वेदराम साहू, सुतीउरकुली से संतराम साहू फिरतूराम साहू एवं ग्राम गोविंदवन से डां पुनाऊ साहू ने सु मधुर स्वर में राम-राम भजन का गायन किये।
ट्रांस महानदी क्षेत्र के प्रमुख रामायणी ग्राम बांसउरकुली निवासी भाई श्याम सुंदर पटेल ने भी मंच में बैठकर कथा सुनाया। उन्होंने श्री रामचरितमानस के बालकांड की चौपाई निसि प्रवेश मुनि आयसु दीन्हा। सबहीं संध्याबंदनु कीन्हां।। की व्याख्या करते हुए कहा कि संध्या के समय जानकर मुनि विश्वामित्रजी के कहने से श्रीरामचंद्रजी अपने अनुज लक्ष्मणजी के साथ सूर्य वंदना करने के लिए गए एवं सूर्य वंदना किये । भगवान श्रीरामचंद्रजी एवं लक्ष्मणजी प्रतिदिन सुबह शाम भगवान भुवन भास्कर की वंदना किया करते थे ।भगवान भुवन भास्कर ऊर्जा के अखंड स्रोत हैं। सूर्य प्रकाश में ही पेड़ पौधे वृद्धि करते हैं। मनुष्य को विटामिन डी भी मिलता है। भगवान सूर्य अपने निर्धारित समय में उदय एवं अस्त होते हैं। सूर्य के तरफ खुले नेत्र से देखने पर आंख बंद हो जाता है। सूर्य प्रकाश को अच्छी तरह से हम नहीं देख पाते। इसका तात्पर्य है कि सूर्य हमें बिना कुछ कहे उपदेश दे रहे हैं कि मेरे तरफ मत देखो। जिस तरह मैं निर्धारित समय में उदय एवं अस्त होता हूं उसी तरह तुम निर्धारित समय पर अपने नियत कर्तव्य कर्मों को करो। संसार में सुखपूर्वक ज्यादा दिन तक जीवित रहना है। सुख शांति प्राप्त करना है तो प्रत्येक कार्य को समय पर निष्पादित करना चाहिए ।
समय का ख्याल व्यक्ति को रखना चाहिए। समय अनुसार कार्य करने वाला ज्यादा दिन तक स्वस्थ सुखी रह सकता है । उसकी प्रशंसा भी समाज में होता है। शायद इसीलिए किसी नितिकार ने ठीक ही कहा है– नियमितता ही जीवन है अनियमितता ही मृत्यु है।
आगे कथा सुनाते हुए मानस प्रवक्ता भाई श्यामसुंदर पटेल ने और कहा कि हम लोगों का प्रत्यक्ष हित करने वाला इस लोक में अपने माता-पिता ही हैं। प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों के हित के लिए यथाशक्ति सोचते एवं करते ही हैं ।किंतु यह दुर्भाग्य है कि अब हम लोग दिनों- दिन माता-पिता के देखभाल में अनदेखा कर रहे हैं। हमारे भारत देश में भी वृद्धाश्रम की संख्या दिनों- दिन बढ़ रही है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जहां साक्षरता दर अधिक है वहीं वृद्धाश्रम भी अधिक है ।हमारे देश में केरल राज्य इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसका तात्पर्य है कि आधुनिक शिक्षा हमें कर्तव्य पालन, परिश्रम, सेवा सुश्रुषा से दूर कर रही है। गंभीरता पूर्वक एकांत में बैठकर चिंतन करने पर पता चलता है कि वर्तमान समय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ प्राचीन धर्म ग्रंथो, रामायण गीता भागवत आदि का अध्ययन भी व्यक्ति के लिए जरूरी है। इन ग्रंथो के अध्ययन से कर्तव्य परायणता समाज सेवा आदि की प्रेरणा मिलती है। राम कथा के अद्भुत व्याख्याकार एवं वक्ता युग तुलसी पंडित डॉ रामकिंकर उपाध्याय जी ने कहा है कि वर्तमान समय में देश समाज के हित के लिए ज्ञान एवं विज्ञान, प्राचीन एवं नवीन, पराविद्या एवं अपरा विद्या का समुज्जवल पूर्ण स्पंदन चाहिए ।वर्तमान समय में जिस तरह से दुनिया प्रगति की ओर बढ़ रहा है उसके लिए नवीन ज्ञान की भी आवश्यकता है।
लेकिन पुराने धर्मग्रंथो की बातों को पूर्णतया भुला दिया जाए तो नवीन ज्ञान भी समाज के लिए दुखदाई ही होगा। इसलिए इन दोनों में सामंजस्य होना बहुत जरूरी है। संस्कार विहीन जीवन व्यक्ति परिवार सबके लिए कष्टकारी है ।टीवी मोबाइल आदि का समयानुसार सकारात्मक सोच के साथ उपयोग किया जाए तो वह व्यक्ति व परिवार के लिए हितकारी है। यदि असमय या अत्यधिक समय तक अलशील दृश्यों को देखकर काल्पनिक आनंद की अनुभूति करने लगे तो यह सभी व्यक्ति समाज परिवार के लिए सुख के स्थान पर दुखदाई ही होगा।