सामाजिकस्वास्थ्य

गायत्री प्रज्ञा पीठ ठेलकाडीह के माध्यम से ग्राम महरुम (कला) में 6 महिलाओं का एक साथ पुंसवन संस्कार संपन्न…

गायत्री प्रज्ञा पीठ ठेलकाडीह के माध्यम से ग्राम महरुम (कला) में 6 महिलाओं का एक साथ पुंसवन संस्कार संपन्न…

आधुनिक युग मे भी गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करते हुए गायत्री परिवार के बहनों द्वारा सतत पुंसवन संस्कार कराये जा रहे है। इस संस्कार से माताओं को लाभ जरूर मिल रहा है. उसके होने वाले बच्चे गर्भ से ही सँस्कारित,स्वस्थ और बुद्धिवान हो रहे है जो इस दुनिया मे आने के बाद उसके बच्चे मे कई अच्छे परिवर्तन भी देखने को मिल रहा है। पुंसवन संस्कार महिलाएं अक्सर 7 वे महीने मे कराती है क्योंकि उसी महीने मे उसके घर परिवार और मायके वाले रोटी भी खिलाते हैं और होने वाले बच्चे के स्वस्थ और अच्छे जीवन के लिए कामना करते हैं। गर्भ (पुंसवन ) संस्कार 3, 5 और 7 वे महीने मे 3 बार किया जा सकता है. ये महिलाओं पर निर्भर करता है कि वे 1 या 3 बार संस्कार कराएं।

उसी क्रम मे दिनांक 19/8/2021 को गायत्री प्रज्ञा पीठ ठेलकाडीह के माध्यम से ग्राम महरुम(कला) में एक साथ 6 बहन का पुंसवन संस्कार एक कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ परिवाजक श्री मति शकुंतला वर्मा द्वारा सम्पन्न कराया गया जिसमें गर्भ संस्कार के लिए आए बहन के परिवार भी उपस्थित रहे। यज्ञ के माध्यम से महिलाओं को पुंसवन संस्कार की महत्ता को विस्तृत रूप से समझाया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button