बस संचालक एवं कंडक्टर की मनमानी चरम सीमा पर, पुलिस एवं RTO मौन

बस संचालक एवं कंडक्टर की मनमानी चरम सीमा पर, पुलिस एवं RTO मौन
पुलिस एवं RTO के उदासीनता से यात्री हो रहें है परेशान, यात्री बस की कमी
बस कंडक्टर द्वारा बस मे ओवरलोडिंग,अधिकांश यात्री बिना टिकट का सफर
कम दुरी तय करने वालो के लिये यात्री बस मे जगह नहीं,
अचार सहिंता मे अधिग्रहण और शादी मे बस बुकिंग से अधिकांश यात्री परेशान
सारंगढ़ बिलाईगढ़ – छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों मे चलने वाली बस अब माल गाड़ी बन गई है क्योंकि जहाँ यात्रिओ को ठूस ठूस कर भरा जा रहा है और ओवरलोडिंग से कभी भी दुर्घटना हो सकती है जिनका जिम्मेदार आखिर कौन होगा?
अधिकांश बस वालो की मनमानी अब चरम सीमा पर दिखते हुये नज़र आ रही है जिससे यात्रीगण काफ़ी परेशान है. रायपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर सारंगढ़ किसी रुट मे जाये आपको परेशानियों का सामना करना पड़ जायेगा. यदि इस रुट मे कहीं पर जाये बस रहते हुये भी आपको सीट नहीं मिलेगी और मिलेगी और चढ़ भी गये तो आपको बिना टिकट का सफर करना पड़ेगा क्योंकि बस कंडक्टर बिना टिकट का चढ़ाने से उनका आमदनी दुगुना हो जाता है और अपने बस मालिक के आँखों मे धूल झोककर शादी सीजन मे डबल इनकम कमा रहें हैं.
कई बस कंडक्टर तो यात्रियों से रफ टफ बात करते हुये गाली गलौज मे उतर जा रहें है लेकिन यात्रियों की मज़बूरी को आखिर कौन समझें. क्योंकि पुलिस प्रशासन से लेकर RTO विभाग भी गहरी निद्रा मे सो रही है.
छोटे बाइक और कार, स्कार्पिओ इत्यादि का चेकिंग किया जाता है अधिक सवारी पर दंड दिया जाता है लेकिन बस मे ओवरलोड सवारी, आवश्यकता से अधिक सवारी पर आखिर बस की चालानी कार्यवाही क्यों नहीं किया जाता? Bs6 गाड़ियों को चेकिंग और पर्यावरण अधिनियम के तहत कार्यवाही करती है लेकिन बस और ट्रकों पर ये लागू क्यों नहीं होता जहाँ प्रदूषण का कारण पुराने बस और ट्रक, ट्रेक्टर नज़र आएंगे जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित होते जा रहा है.
वहीँ देखा जाये तो कम दुरी के सवारी को गिने चुने बस वाले ही अपने बस मे चढ़ा रहें है और कई बस तो केवल लम्बे सफर वाले यात्रियों को अपने बस मे जगह दे रहें हैं. और कई ऐसे भी बस मिलेंगे जो फूल ओवरलोडिंग कर बस को ठूस ठूस कर भर रहें है जहाँ खड़ा होने का जगह भी नहीं होता.बस कंडक्टर और ड्राइवर को देखेंगे तो शराब पीकर गाड़ी चलाते है और यात्रियों को अभद्र व्यवहार करते नज़र आते हैं आये दिन यात्रिगण इस प्रकार से कई समस्या का सामना करते हैं और कई बस मे तो कीमती सामान के साथ बैग भी गायब हो जा रहें
क्योंकि बस हेल्पर भी मदमस्त रहते है. किसका सामान उतारते है चढ़ाते है और कहा रखते हैं उनको खुद पता नहीं होता.
वहीँ बस किराया बढ़ने से यात्री तो परेशान ही है क्योंकि इतना बस किराया देने के बौजूद बस मे मज़बूरीवस सफर करना पड़ता है और बस मे सुविधाएं भी नहीं मिलती.पर्याप्त बस न होने के कारण भीड़ मे न बैठने की सुविधा हो पाती है न खड़े होने की, यहाँ तक अपने सामान को रखने का दिक्कत हो जाता है.
अब खबर प्रकाशन के बाद देखते है पुलिस प्रशासन एवं परिवहन व यातायात विभाग ऐसे बस मालिकों, चालकों एवं परिचालको पर क्या कार्यवाही करती हैं जो यातायात के नियमों का खुलेआम उलंघन कर रहें हैं और ऐसे असुविधायुक्त वाहन पर क्या कुछ कार्यवाही करती है जहाँ न तो टिकट की व्यवस्था है न फास्टेज बॉक्स और न ही CCTV की सुविधा.